देश के नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने नई दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में एक बैठक की। इस बैठक में झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास भी शामिल हुए। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि शांतिपूर्ण विधानसभा चुनाव कराने के लिए झारखंड में 275 कंपनी अर्धसैनिक बलों की आवश्यकता होगी। इस दौरान मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि राज्य सरकार केंद्र की आभारी है कि झारखंड में जो भी केंद्रीय अर्धसैनिक बल उपलब्ध कराए गए हैं, वे लगातार झारखंड पुलिस के साथ मिलकर नक्सलियों से जूझ रहे हैं। झारखंड में नक्सलवाद अंतिम पड़ाव पर है। इसलिए झारखंड में अर्धसैनिक बलों की संख्या को आने वाले दो-तीन वर्षों तक कम नहीं किया जाए।
सीएम रघुवर दास ने कहा कि वर्तमान में राज्य को केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की नितांत आवश्यकता है। दिसंबर 2014 से नक्सलवाद को जड़ से समाप्त करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इस प्रयास का ही परिणाम है कि 2015 से 2019 के बीच नक्सली घटनाओं में 60 प्रतिशत तक कमी आई है। इस दौरान मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि नक्सलियों द्वारा आम लोगों को मारे जाने की घटनाओं में भी एक-तिहाई की कमी दर्ज की गई है, जबकि सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों की संख्या दोगुनी से भी अधिक है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2015 से 2019 के बीच आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों की भी संख्या दुगनी हो गई है और पुलिस द्वारा नक्सलियों से हथियार की बरामदगी में भी 33 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।