कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर की राधनपुर सीट पर पूर्व मंत्री शंकरभाई चौधरी की दावेदारी से उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं । उत्तर गुजरात के पाटीदार नेता भी अल्पेश के खिलाफ लामबद्ध होने लगे हैं । राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के बाद विधायक अल्पेश ठाकोर ने अपने साथी विधायक धवल सिंह झाला के साथ विधानसभा की सदस्यता से भी त्यागपत्र दे दिया था । झाला का दावा है कि भाजपा ने उन्हें पिफर बायड से व अल्पेश को राधनपुर से उपचुनाव लड़ने की हरी झंडी दे दी है, लेकिन पूर्व मंत्री शंकरभाई चौधरी ने भी राधनपुर से चुनाव लड़ने की मंशा जताई है । गत विधानसभा चुनाव चौधरी वाव सीट से हार गए थे, उससे पहले वे राधनपुर से दो बार विधायक चुने जा चुके हैं । पार्टीसूत्रों की मानें तो चौधरी का चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है, जबकि अल्पेश को लेकर भाजपा में असमंजस की स्थिति है ।
अल्पेश गुजरात में हिंदी भाषियों के खिलाफ आंदोलन कर चुके हैं । इसके अलावा पाटीदार आरक्षण आंदोलन के दौरान भी उन्होंने पाटीदारों के खिलाफ लंबा आंदोलन चलाया था, जिससे उत्तर गुजरात के पाटीदार समाज में अल्?पेश को लेकर खासी नाराजगी है । अल्पेश ने गत दिनों गांधीनगर भाजपा कार्यालय श्रीकमलम में अध्यक्ष जीतू वाघाणी से मुलाकात की, जिसके बाद उत्तर गुजरात के पाटीदार समाज ने बैठकें कर पार्टी को अपनी नाराजगी का अहसास कराया है ।
भाजपा अल्पेश को बोर्ड निगम का अध्यक्ष बनाकर खुश करना चाहती है, लेकिन अल्पेश उपचुनाव जीतकर सरकार में मंत्री बनने की इच्छा रखते हैं, चौधरी के भी चुनाव जीतने की सूरत में मंत्री बनाए जाने की प्रबल संभावना है । ऐसे में मुख्यमंत्री विजय रूपाणी सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार फिलहाल टल गया है । संभवतः अब दीपावली के बाद ही उपचुनाव हो ओर सरकार मंत्रिमंडल का विस्तार भी उसके बाद ही करेगी ।