भारत को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के चलते विवादास्पद इस्लामिक उपदेशक डॉ. जाकिर नाईक की तलाश है। उसके प्रत्यर्पण के लिए भारत ने पूर्व में मलेशिया से आग्रह किया था। इसके अलावा वह भारत को लेकर कई बार भडक़ाऊ बयान दे चुका है। इस बीच मलेशिया सरकार ने नाईक के धार्मिक उपदेश देने पर पाबंदी लगा दी है। मलेशिया पुलिस का कहना है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर जाकिर नाईक के उपदेश देने पर बैन लगाया गया है। पुलिस को इस संबंध में सर्कुलर जारी किया गया है।
रॉयल मलेशिया पुलिस के हेड ऑफ कॉर्पोरेट कम्युनिकेशंस दातुक असमावती अहमद ने भी इसकी पुष्टि की है। पुलिस नाईक के मलेशिया के अल्पसंख्यकों के खिलाफ दिए बयान की जांच कर रही है। हालांकि नाईक ने पुलिस को सफाई देते हुए कहा था कि उसने तो मलेशिया की इस बात के लिए तारीफ की थी कि वह किस तरह ‘हिंदू अल्पसंख्यकों’ के साथ व्यवहार करता है और उनके अधिकारों की रक्षा करता है।
मलेशिया के अल्पसंख्यकों के लिए दिए उसके कथित बयान के बाद उसके खिलाफ 115 रिपोर्ट दर्ज हो चुकी हैं। नाईक पूर्व में भी अपने बयान को लेकर विवाद में फंस गया था। उस पर आरोप है कि उसने कहा था कि मलेशिया में रहने वाला भारतीय समुदाय मलेशियाई प्रधानमंत्री डॉ. महातिर मोहम्मद की जगह भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ज्यादा समर्थक है। नाईक पर मुस्लिम बहुल मलेशिया में अल्पसंख्यक हिंदुओं और चीनी मूल के लोगों के खिलाफ भडक़ाऊ बयानबाजी कर देश की शांति भंग करने का आरोप भी है।