गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को तीन तलाक मुद्दे के बहाने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला । उन्होंने कहा कि तीन तलाक की कुप्रथा अबतक जारी रही, इसके लिए तुष्टीकरण का भाव और तुष्टीकरण की राजनीति जिम्मेदार है । उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस को अब भी शर्म नहीं है और वह इस कुप्रथा का समर्थन करती है । कांग्रेस पर हमला बोलते हुए गृह मंत्री ने कहा कि आजादी से पहले ही भारत को टूटने से बचाने के लिए तुष्टीकरण की शुरुआत हुई और वह तुष्टीकरण ही भारत के टूटने का कारण बनी । अब इसी तुष्टीकरण की राजनीति से तीन तलाक जैसी कुप्रथा अबतक जिंदा थी । शाह ने कहा कि २०१४ में जनता ने नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी को पूर्ण बहुमत देकर तुष्टीकरण की राजनीति के अंत की शुरुआत की और ५ साल बाद मोदी सरकार पर दोबारा ठप्पा लगाकर तुष्टीकरण की राजनीति का अंत कर दिया । दिल्ली में श्यामा प्रसाद मुखर्जी रिसर्च फाउंडेशन की तरफ से आयोजित तीन तलाक का खात्माः ऐतिहासिक गलती का सुधार’ कार्यक्रम में बोलते हुए अमित शाह ने कहा कि ६० के दशक में तुष्टीकरण वोटबैंक राजनीति का हथियार बना और कुछ पार्टियों की यह आदत बन गई । शाह ने कहा, तीन तलाक की कुप्रथा को हटाने पर इतना विरोध क्यों है? इसके पीछे तुष्टीकरण का भाव और तुष्टीकरण की राजनीति जिम्मेदार है । आजादी से पहले ही भारत को टूटने से बचाने के लिए तुष्टीकरण की शुरुआत हुई और वह तुष्टीकरण ही भारत के टूटने का कारण बनी । आजादी के बाद ६० के दशक में तुष्टीकरण ही वोटबैंक की राजनीति का जरिया बना । इसकी आदत कुछ पार्टियों को बन गई और इसी कारण से ऐसी कुप्रथाएं चलती थीं ।
शाह ने कहा कि सबके विकास के लिए तुष्टीकरण की नहीं बल्कि संवेदना की जरूरत होती है । उन्होंने कहा, ‘विकास की दौड़ में पीछे रह गए लोगों को ऊपर उठाने के लिए संवेदना की जरूरत है, तुष्टीकरण की जरूरत नहीं है । गरीब गरीब होता, चाहे वह हिंदू हो, मुसलमान हो, ईसाई हो, पारसी हो या जैन हो । शाह ने कहा, ‘२०१४ में देश की जनता ने नरेंद्र मोदी की अगुआई में बीजेपी को पूर्ण बहुमत देकर तुष्टीकरण की राजनीति के अंत की शुरुआत की । बगैर तुष्टीकरण के यह सरकार ५ साल चली और २०१९ में जनता ने उस पर दोबारा ठप्पा लगाया और तुष्टीकरण की राजनीति का अंत कर दिया ।
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