प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने टैक्सपेयर्स के सामने एक मिसाल पेश की है । उन्होंने सोल शांति पुरस्कार में मिली १.३ करोड़ रुपये की राशि पर टैक्स लगाए जाने की मांग की, जिसे स्वीकार कर लिया गया है । उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन को चिट्ठी लिखकर पुरस्कार राशि पर टैक्स वसूले जाने की अपील की थी ।
११ अगस्त को लिखी चिट्ठी में पीएम मोदी ने लिखा था कि वह चाहते हैं कि देश के आम नागरिकों की तरह वह भी टैक्स अदा करना चाहते हैं । पीएम मोदी को इसी साल फरवरी के महीने में साल २०१८ के लिए सोल पीस प्राइज से सम्मानित किया गया था । अवॉर्ड के साथ उन्हें १.३ करोड़ की राशि भी दी गई थी । ६ मार्च, २०१९ को सीबीडीटी ने आईटी ऐक्ट की धारा १० (१७न्(द्ब)) के तहत इस राशि पर टैक्स छूट दी थी, लेकिन इसे प्रधानमंत्री के आग्रह पर वापस ले लिया गया है । प्रधानमंत्री ने ११ अगस्त को लिखे लेटर में लिखा कि सोल पीस प्राइज पर दी गई टैक्स छूट पर एक बार और विचार किया जाना चाहिए । उन्होंने लिखा, लोक सभा चुनाव और अन्य प्रतिबद्धताओं के चलते मैं पहले इस बारे में आपको नहीं लिख पाया, मैं चाहता हूं कि इस राशि को टैक्स के दायरे में लाया जाए । १४ अगस्त को प्रधानमंत्री की अपील पर विचार करते हुए सीबीडीटी ने सोल पीस प्राइज पर टैक्स छूट को वापस लिया और अब राशि पर इनकम टैक्स ऐक्ट १९६१ के तहत टैक्स देय होगा ।
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