कांग्रेस ने कहा है कि पिछले 6 सालों में भाजपा सरकार ने सबसे ज़्यादा सौतेला व्यवहार और अधिकारों पर सबसे ज़्यादा हमले दलित व आदिवासी समाज पर किए हैं। दलित, भाजपा की राजनैतिक उपेक्षा, सामाजिक शोषण व आर्थिक अनदेखी के शिकार बने हैं। एक बार फिर संवेदनहीन मोदी सरकार ने वार किया है। इस बार नई पीढ़ी देश के भविष्य पर।
सीबीएसई (CBSE) ने अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) वर्ग के छात्रों के लिए 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा शुल्क में 24 गुणा वृद्धि कर दी है। उन्हें अब ₹ 50 की जगह ₹ 1200 फ़ीस भरनी होगी। इसी प्रकार सामान्य वर्ग के छात्रों की फ़ीस भी 100% बढ़ाई गई, ₹ 750 रुपये से बढ़ाकर ₹ 1500 !
सबका साथ, सबका विकास भाजपा का वादा ना ज़मीन पर है और ना ही काग़ज़ों पर है। सिर्फ़ मुट्ठी भर लोगों का विकास और ग़रीबों से विश्वासघात भाजपा सरकार की नीयत व नीति है। शोषण और असमानता से लड़ने तथा दलित एवं पिछड़ों को ताक़त देने के लिए संविधान में आरक्षण की व्यवस्था की गई है लेकिन भाजपा सरकार देश को “रिवर्स गीयर” में चला रही है।
ऊना में दलितों की चमड़ी कांग्रेस का घृणित कार्य, रोहित वेमुला को आत्महत्या के लिए मजबूर करना व RSS / भाजपा द्वारा संविधान में दिए आरक्षण पर हमला करना इसका जीता जागता सबूत है। भाजपा सरकार में दलितों हर 12 मिनिट में एक दलित अत्याचार सहने को मजबूर है।
भाजपा सरकार दलितों के साथ संस्थागत स्तर पर अन्याय करती आ रही है और अब देश के भविष्य, नई पीढ़ी पर सीधा हमला कर दिया है। विकास – न्याय – शिक्षा और स्वास्थ्य की बात करने वाली मोदी सरकार क्यों दलितों को शिक्षा के हक़ से वंचित कर रही है?