वडोदरा शहर में ३१ जुलाई को हुई २० इंच बारिश के बाद बाढ़ आ गया और वडोदरा शहर का जनजीवन ठप हो गया है लेकिन बाद में वडोदरा शहर रोजाना के अनुसार पहले जैसा बन गया है । बूंदाबांदी बारिश और बारिश के कहर के बीच वडोदरा में बारिश का माहौल देखने को मिल रहा है लेकिन अधिकतर क्षेत्र अब पानी के डूबने की स्थिति से बाहर है लेकिन दूसरी तरफ, वडोदरा के कई गरीब और झोपडपट्टी क्षेत्रों और आबादी ऐसे भी है जहां अभी भी लोग पानी चला गया या कम हो गया बाद में अब बीमारी, मगरमच्छ और गंदगी के बीच जीने को मजबूर हो गये है । विशेष करके वडोदरा शहर की तुलसीवाडी स्थित जयअंबेनगर, गणेशनगर और इन्दिरानगर झोपडपट्टी के सैकड़ों परिवार और लोग पिछले ११ दिन से रास्ते पर जीने के लिए मजबूर बन गये हैं ।
वडोदरा में गत ३१ जुलाई को आये बाढ़ में २०० घरों में पानी घुस जाने पर १०० परिवार शुक्रवार को मार्केट लगता है यह मुख्य रोड पर तंबु बनाकर मदद लेना पड़ा । कई लोगों को स्कूलों में आश्रय लेना पड़ा है । बाढ़ का पानी उतरने के बाद लोग सिर्फ घर में गये थे और फिर से बाढ़ आने पर लोगों को रास्ते पर ही रहने का समय आ गया है । बाढ़ की स्थिति की वजह से यह क्षेत्र के हरएक घर में बच्चे बीमार हुए है और चमड़ी की बीमारी फैल रही है । रात के समय मगरमच्छ आ जाने से लोगों को जागना पड़ रहा है । गणेशनगर में रहती काशीबहन ने बताया है कि, हमारे घर में पिछले ११ दिन से पानी भरे होने से हम रोड पर आ गये हैं । हमारे सभी घर के सामान बाढ़ में बह गये है । अब हम रास्ते पर रहने के लिए मजबूर हो गये है । सरकार हमारी मदद करे ऐसी हमारी मांग है । सोनाबहन परमार ने बताया कि, हमारा घर निचले इलाके में होने से डूब गया है और पूरे क्षेत्र में काफी गंदगी है । जिसकी वजह से यहां रहना भी मुश्किल हो गया है । लगातार पानी में रहने की वजह से चमड़ी की बीमारी हो रही है ।