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लादेन का बेटा हमजा मारा गया : US

अलकायदा जैसे खूंखार आतंकी संगठन का कभी पर्याय रहे ओसामा बिन लादेन का बेटा हमजा बिन लादेन मारा गया है, जिसने कई बार अमेरिका को धमकी दी कि वह अपने पिता के मारे जाने का बदला लेगा। हमजा के मारे जाने का दावा अमेरिकी अधिकारियों ने किया है। हालांकि उन्‍होंने इस बारे में कोई स्‍पष्‍ट जानकारी नहीं दी कि हमजा कैसे और कब मारा गया, पर बताया जा रहा है कि वह अमेरिका में राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के सत्‍ता संभालने के दो वर्षों के भीतर एक अभियान में मारा गया और इसमें अमेरिका की अहम भूमिका रही। ओसामा के बेटे के मारे जाने का दावा एक मीडिया रिपोर्ट में अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से किया गया है। हालांकि उन्‍होंने हमजा के मारे जाने के बारे में यह कहते हुए कोई अन्‍य विस्‍तृत जानकारी नहीं दी कि इससे जुड़े ऑपरेशन और खुफिया जानकारियां बेहद संवेदनशील हैं और इसलिए इस बारे में अधिक जानकारी नहीं दी जा सकती। 
अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि विदेश मंत्रालय ने इसी साल फरवरी में हमजा के बारे में अहम सुराग देने वाले को 10 लाख डॉलर का इनाम देने की घोषणा की थी, लेकिन तब अमेरिकी सेना और खुफिया एजेंसियों ने इसकी पुष्टि नहीं की थी कि वह मारा गया है। अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप से जब इससे संबंध‍ित मीडिया रिपोर्ट्स के बारे में पूछा गया तो उन्‍होंने केवल इतना कहा, मैं इस पर कोई टिप्‍पणी नहीं करना चाहता। पाकिस्‍तान के एबटाबाद में अमेरिकी सील टीम के हाथों 2011 में ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद हमजा को अलकायदा में उसका उत्‍तराधिकारी माना जा रहा था। 
अमेरिकी अधिकारियों ने एबटाबाद की जिस इमारत से ओसामा को ढूंढ़ निकाल मार गिराया था, वहां से कई ऐसे दस्‍तावेज मिले थे, जो इस बात की ओर संकेत करते हैं कि अलकायदा संस्‍थापक अपने बेटे हमजा को अपनी जगह लेने के लिए तैयार कर रहा था। ओसामा के मारे जाने के बाद उसने अमेरिका को कई बार धमकियां भी दी थीं कि वह अपने पिता का बदला जरूर लेगा। हजमा का जन्‍म 1989 में हुआ बताया जा रहा है। उसके पास सऊदी अरब की नागरिकता थी, लेकिन आतंकी गतिविधियों में उसकी संलिप्‍तता को देखते हुए सऊदी अरब ने उससे नागरिकता छीन ली थी। संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद ने भी उसे वैश्विक प्रतिबंध सूची में डाला था, जिसके बाद उसकी गिरफ्तारी के लिए इंटरपोल से नोटिस भी जारी हुए थे। अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने उसके कुछ समय तक ईरान में छिपे होने और वहां से अपनी गतिविधियां चलाने की बात भी कही थी, जिसके निशाने पर मुख्‍य रूप में अमेरिका था।

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