कांकरिया बालवाटिका में डिस्कवरी राइड्स दुर्घटना मामले में बुधवार को गांधीनगर में गृह राज्यमंत्री प्रदीपसिंह जाडेजा की अध्यक्षता में बैठक हुई । जिसमें डीजीपी शिवानंद झा, पुलिस कमिशनर एके. सिंघ, म्युनिसिपल कमिशनर विजय नेहरा सहित के अधिकारी मौजूद हुए । बैठक के दौरान गृह राज्यमंत्री को यह मामले में एफएसएल रिपोर्ट सौंपा गया यह जानकारी मिली है । सूत्रों के अनुसार, पाइप वजन उठा सके ऐसी हालत में नहीं था और इसमें जंग भी लग गये होने से यह घटना हुई होने का निष्कर्ष दिए जाने का माना जा रहा है । सिर्फ इतना ही नहीं पाइप और जोइन्ट का मेंटेनन्स नहीं किया जाता था यह बात भी सामने आयी है । विशेष करके राइड के कई बोल्ट में जंग लग गया था । पाइप के अंदर लोहे की चेन था वह भी टूट गया था । यह चेन पाइप टूटे तब इसे सपोर्ट देने के लिए रखा जाता है, लेकिन चेन टूट जाने से राइड का अंतिम सपोर्ट भी टूट गया था, राइड पर्याप्त वजन उठाने में सक्षम नहीं थी, इसका असली मटीरियल ही कमजोर हो जाने पर आखिर में यह दुर्घटना हुई थी । दूसरी तरफ, कांकरिया राइड्स दुर्घटना मामले में स्थानीय प्रशासन और कॉन्ट्रैक्टरों के बीच की सांठगांठ सामने आयी है । कॉन्ट्रैक्टर घनश्याम पटेल का भतीजा और राइड ऑपरेटर यश महेन्द्र पटेल खुद ही हस्ताक्षर करके राइड की सुरक्षा का सर्टिफिकेट बनाता था । ६ जुलाई को सेफ्टी रिपोर्ट में भी इंजीनियर के तौर पर यश पटेल के हस्ताक्षर होने की बात सामने आयी है । यह केस में एसीपी जेएम. चावडा ने बताया कि, सभी राइडस की जांच करके और यश पटेल ही रिपोर्ट पर हस्ताक्षर करता था । यश पटेल के बयान के अनुसार खुद डिप्लोमा मैकेनिकल की डिग्री है । हालांकि, फिलहाल इसकी डिग्री डॉक्युमेंट मंगवाया गया है और इसकी जांच की जाएगी ।जहां तक सभी राइडस की फिटनेस की पूरी जांच नहीं हो तब तक राइड्स चालू नहीं करने के लिए कॉर्पोरेशन को जानकारी दे दी गई है ।
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