मोदी सरकार ने 2025 तक पांच ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी का लक्ष्य रखा है। अर्थशास्त्र के जानकार कह रहे हैं कि इस लक्ष्य को हासिल करना इतना आसान नहीं होगा। पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदम्बरम ने यह बात स्वीकार की है कि पांच साल में अर्थव्यवस्था पांच ट्रिलियन डॉलर की हो सकती है। उन्होंने कहा कि हर छह-सात साल में अर्थव्यवस्था डबल हो जाती है।
राज्यसभा में बजट पर चर्चा के दौरान पी चिदम्बरम ने कहा कि पांच ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी होना कोई रॉकेट साइंस जैसी बात नहीं है, यह बहुत ही साधारण गणित है। उन्होंने कहा, साल 1991 में भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार 325 अरब डॉलर का था, साल 2003-04 में यह डबल होकर 680 बिलियन डॉलर हो गई। इसके बाद यहां से सिर्फ चार सालों में ये दोगुना होकर 1.22 ट्रिलियन डॉलर हो गई है। इसके बाद फिर से दोगुनी होकर 2017 में 2.48 ट्रिलियन डॉलर हो गई, ये 5 ट्रिलियन डॉलर भी होगी।
पी चिदंबरम ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इस बजट में लोगों की बचत बढ़ाने का कोई उपाय नहीं दिख रहा है। उन्होंने कहा कि अगर परिवारों की बचत नहीं बढ़ेगी तो घरेलू बचत को कैसे बढ़ाएंगे। घरेलू बचत नहीं बढ़ेगी तो घरेलू निवेश भी नहीं बढ़ेगा, ऐसे में 8 फीसदी विकास दर कहां से लाएंगे?
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