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नए लक्ष्य, नए सपनों को लेकर आगे बढ़ेंगे, यही मुक्ति का मार्ग है : पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने आज काशी में भारतीय जनता पार्टी के सदस्यता अभियान की शुरुआत की। साथ साथ उन्होंने लोगो से बात करते हुए देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनाने का संकल्प भी दोहराया। पीएम ने कहा कि अब देश विकसित होने के लिए ज्यादा इंतजार नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि अब सपनों और संभावनाओं पर बात होगी। इन सपनों में से एक है कि हम 5 ट्रिलियन डॉलर यानी 5 लाख करोड़ डॉलर की इकॉनमी बनेंगे। मैं अर्थशास्त्री नहीं हूं, लेकिन सच्चाई यही है कि आज मैं जिस लक्ष्य की बात कर रहा हूं, वह आपको भी सोचने को मजबूर करेगा। नए लक्ष्य, नए सपनों को लेकर आगे बढ़ेंगे, यही मुक्ति का मार्ग है। 
पीएम मोदी ने अंग्रेजी कहावत साइज ऑफ द केक मैटर्स का जिक्र करते हुए कहा कि केक जितना बड़ा होगा, उतना ही लोगों के हिस्से आएगा। इसलिए हमने इकॉनमी के साइज को बढ़ाने का संकल्प लिया है। सीधी से बात है कि परिवार की आमदनी जितनी अधिक होगी, उसी अनुपात में सदस्यों की आय भी अधिक होगी। उन्होंने कहा, आज जितने भी विकसित देश हैं, उनमें से ज्यादातर के इतिहास को देखें तो वहां भी एक समय में प्रति व्यक्ति आय बहुत अधिक नहीं होती थी। लेकिन, एक दौर ऐसा आया, जब कुछ ही समय में प्रति व्यक्ति आय ने जबरदस्त छलांग लगाई। यही वह समय था, जब वे देश विकासशील से विकसित की श्रेणी में आ गए। भारत अब लंबा इंतजार नहीं कर सकता। भारत दुनिया का सबसे युवा देश और यह लक्ष्य भी मुश्किल नहीं है।
पीएम मोदी ने कहा, ‘कुछ लोग हैं, जो हम भारतीयों के सामर्थ्य पर शक कर रहे हैं। वे कह रहे हैं कि भारत के लिए यह लक्ष्य प्राप्त करना बहुत मुश्किल है।’ पीएम मोदी ने कहा कि वे कहते हैं कि इसकी क्या जरूरत है, यह क्यों किया जा रहा है। ऐसे लोग पेशेवर निराशावादी हैं और समाज से पूरी तरह कटे रहते हैं। आम लोगों के पास जाएंगे तो वह समस्या समझेंगे तो समझेगा। लेकिन पेशेवर निराशावादियों की मास्टरी समाधान को संकट में बदलने में है। कहा ये ऐसे लोग है कि कोई अस्पताल में किसी का मरीज का हाल पूछने जाएं तो उसे निगेटिव बातें बताएं। पॉजिटिव बातें तो मरीज में भी हौसला भऱ देती हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि जब हम किसी देश में प्रति व्यक्ति आय बढ़ती है तो खरीद की क्षमता बढ़ती है। बाजार में मांग बढ़ती है। इससे सामान का उत्पादन बढ़ता है, सेवा का विस्तार होता है और इसी क्रम में रोजगार के नए अवसर बनते हैं। उन्होंने कहा, ‘हम जब तक कम आय और कम खर्च के चक्र में फंसे रहते हैं, तब तक यह स्थिति पाना मुश्किल होता है। हमारे दिल दिमाग में कहीं न कहीं गरीबी एक गर्व का विषय बन गई है। गरीबी एक मानसिक अवस्था बन गई है। क्या हमें इसे दूर करने के लिए प्रयास करना चाहिए कि नहीं। हम जब सत्यनारायण कथा सुनते थे तो उसकी शुरुआत ही एक बेचारा गरीब ब्राह्मण से होती है।
पीएम मोदी ने कहा कि स्वच्छ भारत और हर घर शौचालय और बिजली के बाद अब हम हर घर तक जल की योजना पर काम करेंगे। पीएम मोदी ने कहा कि जल की उपलब्धता से ज्यादा जरूरी उसका संरक्षण करना है। इसके लिए सरकार पूरी तरह से जुट गई है और जल्दी ही इस पर अमल शुरू हो जाएगा।

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