देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीजीने आरएसएस के संगठन में वरसो तक काम किया है। बुंद बुंद पानी की तरह उन्होंने संघ परिवार में कइ युवाओं को जोडने का काम किया है। वे भलीभांति जानते है की ये काम आसान नहीं। लेकिन कीसी की घिनौनी हरक्त या आचरण से जब ऐसा कुछ होता है तो संगठन को काफी सहन करना पडता है। एक विधायक कानून बनानेवाले लोकतंत्र के मंदिर में बैठता है। उसका काम कानून तोडना तो कतइ नहीं लेकिन विधायक की सत्ता के मदहोश में आकर एमपी के इन्दौर में भाजपा के सिनियर नेता कैलाश विजयवर्गीय के (सु?)पुत्र आकाश जो की खुद भी विधायक है उन्होंने क्रिकेट के बल्लै से नगर निगम के अफसरों की पिटाइ कर पार्टी को जो नुकशान पहुंचाया उसकी असर खुद मोदीजी तक हुई और उन्होंने पार्टी नेताओं को साफ साफ कह दिया की मनमानी नहीं चलेंगी। बेटा चाहे कीसी का भी हो इस तरह का वर्ताव बर्दास्त नही किया जा सकता। उसे निकाल देना चाहिये, चाहे एक कम क्यों न हो। उसके खिलाफ अनुशासन भंग के कडे कदम लेना चाहिये। हालांकि मोदीजीने आकाश या उनके पिता का नाम लेना ठीक नहीं समझा वह अच्छा ही किया। ऐसे का नाम लेकर भी क्या करना…अपना मूंह खराब करने जैसा होता. शुक्रिया मोदीजी..!
याद रहे की ऐसी हरकत या कानून को हाथ में लेने वाला आकाश पहला विधायक नहीं। इससे पहले गुजरात में भाजपा के ही विधायक बलराम थावाणी ने पानी की समस्या लेकर आई महिला की लातें मार मार कर पिटाइ की। कीसीने कुछ ओर किया। ऐसे विधायक पार्टी के लिये बोज के समान है ये मोदीजी अच्छी तरह जानते है। इसीलिये उन्होंने कडे शब्दों में पार्टी के सभी को कहा की मनमानी नहीं चलेंगी। मोदीजी के शब्दों को ध्यान में रखते हुये अब एमपी भाजपा के नेताओं का ये फर्ज है की अपने पिता की डोर पर आकाश में उडनेवाले विधायक आकाश की डोर काटे। उसे जमीन पर लाये, उसे पार्टी से बाहर करे और उनके पिता को भी रास्ता दिखा दे। हद तो तब होती है जब ऐसा गैरकानूनी काम करने के बाद भी जेल से छूटते ही आकाश ने कहा की उन्होंने जो कुछ किया उसका कोइ अफसोस नहीं….! जेल से बाहर आते ही माथे पर तिलक लगाकर उनका स्वागत किया गया,, आरती उतारी गइ मानो कोइ जंग जीत कर जवान आया हो…! अपना मूंह छिपाने के बदले मिजाज बता रहा है की देखो मैंने कितना बडा काम किया नगर निगम के अफसरों की पिटाई कर के…!
ऐसा नहीं की सिर्फ भाजपा में ही ऐसे आकाश भरे पडे है। आकाश की गटना के बाद टीआरएस के विधायक के भाइने (भाइ हो तो ऐसा…!) जंगल विभाग की महिला कर्मी की बांबु की लकडी से पिटाइ की। भाजपा के ही एक सासंदने अपनी ही पार्टी के विधायक की जूते से पिटाइ का मामला भी कोइ सा नहीं की कोइ उसे भूल गया हो। मोदीजीने उस सांसद की टिक्ट काट कर अच्छा उदाहरण पेश किया फिर भी आकाश ने जो किया उससे लगता है की पार्टी के भीतर ही मोदीजी को स्वच्छता अभियान शूरू करना पडेगा….! पार्टी आकाश जैसे बिगडे विधायकों के की शान ठिकाने लाने और भविष्य में कोइ दूजा या तीजा आकाश पेदा न हो ऐसी कार्यवाइ करनी होंगी. करे तो वेरी गुड न करे तो फिर कोइ ऐसा सिरफिरा अफसर मिलेंगा जो कि ऐसे विधायक की ही पिटाइ कर देंगा…! देखना ये है की आकाश की राजनितिक पिटाइ पार्टी कैसे और कब करती है….! जय श्री राम….!