मॉब लिंचिंग के विरोध में महाराष्ट्र विधानसभा गूंज उठी। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए विधायकों ने कड़ा कानून बनाने की मांग की है। इस मसले को लेकर सत्ता और विपक्ष के विधायक नारेबाजी करते हुए वेल में आमने-सामने आ गए।
सोमवार को कांग्रेस विधायक नसीम खान, यशोमति ठाकुर, आसिफ शेख और एमआइएम के वारिश पठान सहित अन्य विधायकों ने मॉब लिचिंग का मुद्दा उठाते हुए कहा कि इससे राज्य की छवि खराब हो रही है। नसीम खान ने मांग की कि मॉब लिंचिंग करने वालों के खिलाफ कड़े कानून बनाए जाएं, जिसमें 10 साल सजा के साथ कड़े दंड का प्रावधान हो। इसका सत्ताधारी दल के विधायकों ने विरोध किया। भाजपा के राज पुरोहित, मनीषा चौधरी और पराग अलवणी ने विपक्ष की मांग का विरोध किया। इस मुद्दे पर दोनों पक्षों के सदस्य एक-दूसरे के खिलाफ नारे लगाते हुए वेल में आ गए।
एमआइएम की विधायक वारिश पठान ने ठाणे में हुई घटना का जिक्र करते हुए कहा कि एक मुस्लिम ड्राइवर को जबरदस्ती जय श्रीराम बुलवाया जा रहा था, नहीं बोलने पर उसके साथ मार-पीट की गई। यशोमति ठाकुर ने यूपी महिला भाजपा अध्यक्ष के उस बयान का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ सामूहिक बलात्कार किया जाना चाहिए। कांग्रेस विधायकों ने कहा कि पांच सालों से उप्र, झारखंड, गुजरात, मप्र व अन्य राज्यों में एससी, एसटी, महिला व मुस्लिम समाज के खिलाफ मॉब लिंचिंग की घटनाएं घट रही हैं।