पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने राज्यसभा में बताया कि देश में पर्यावरण आपातकाल घोषित करने जैसी स्थिति नहीं है। कांग्रेस सांसद जयराम रमेश के सवाल पर उन्होंने कहा कि जिन देशों में ऐसा किया गया है उनके मुकाबले भारत में अभी प्रदूषण बेहद कम है। साथ ही जावड़ेकर ने कहा, जलवायु परिवर्तन को लेकर सरकार के लक्ष्य तय हैं और पेरिस समझौते के बिंदुओं की दिशा में काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर हो रहे प्रदूषण के लिए यूं तो भारत का योगदान न के बराबर है लेकिन इसके निवारण में हम सहयोग करना चाहते हैं। सदी के अंत तक वैश्विक तापमान को दो डिग्री से अधिक नहीं बढ़ने देने के संकल्प पर काम जारी है।
सरकार पेरिस समझौते के तहत दुनियाभर के देशा के लिए जारी आईएनडीसी लक्ष्य को हासिल करने के लिए तीन बिंदुओं पर काम कर रहा है। इसमें पहला जीडीपी की ऊर्जा तीव्रता को 30 से 35 फीसदी तक कम करना। जावड़ेकर ने बताया कि 28000 मेगावाट सौर ऊर्जा के संयंत्र लगाए जा चुके हैं। दूसरा अक्षय ऊर्जा के उत्पादन में 78,000 मेगावॉट के लक्ष्य की ओर तेजी से प्रगति हो रही है। उन्होंने कहा कि देश ने गैर-जीवाश्म ईंधन से 40 फीसदी संचयी बिजली स्थापित करने का लक्ष्य रखा है।
तीसरा कार्बन उत्सर्जन को कम करने के कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि दो वर्षों में वन क्षेत्र बढ़ा है। उन्होंने कहा कि सरकार अकेले पर्यावरण के क्षेत्र में काम नहीं कर सकती, इसके लिए प्रत्येक को जिम्मेदारी समझनी होगी और सहयोग करना होगा।