भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि पार्टी सत्ता में वापस आने पर जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद ३७० को हटा देगी और देशभर में नागरिकों के लिए राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण लाएगी । बालाकोट हवाई हमले पर सवाल उठाने के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आलोचना करते हुए शाह ने कहा कि ये सिर्फ अल्पसंख्यकों को संतुष्ट करने के लिए है । उन्होंने उनसे कश्मीर में अलग प्रधानमंत्री की मांग पर अपना रुख स्पष्ट करने को भी कहा, जैसा की उनके सहयोगी नैशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला चाहते हैं । दार्जिलिंग से उम्मीदवार राजू सिंह बिष्ट के लिए प्रचार करते समय उन्होंने कहा, ममता बनर्जी और विपक्षी नेता हवाई हमले से नाखुश हैं । वे सिर्फ अल्पसंख्यक समुदाय को खुश करने के लिए ऐसा कर रहे हैं । लेकिन मैं स्पष्ट तौर पर यह कहना चाहूंगा कि हम ऐसी ताकतों को जीतने नहीं देंगे। केंद्र में बीजेपी की अगली सरकार बनाने के बाद हम कश्मीर से अनुच्छेद ३७० हटा देंगे । अमित शाह ने बनर्जी पर राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (एनआरसी) पर लोगों को भ्रमित करने का आरोप भी लगाया। ममता विवादस्पद राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) सख्ती से विरोध करती रही हैं, जो सिर्फ असम में लागू है । शाह ने कहा, हमारा आपसे वादा है कि हर एक घुसपैठिए को बाहर निकालने के लिए देशभर में एनआरसी लाएंगे । हम ममता बनर्जी की तरह घुसपैठियों को वोट बैंक की तरह इस्तेमाल नहीं करते । हमारे लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोपरि है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि देश के हर एक हिंदू एवं बौद्ध शरणार्थी को नागरिकता मिले । बनर्जी लगातार यह दावा करती रही हैं कि एनआरसी भारतीय नागरिकों को भी शरणार्थी बना देगा। एनआरसी उस समय विवादों में घिर गया था, जब पिछले साल जारी किए गए पूर्ण मसौदे से असम में दशकों से रह रहे लगभग ४० लाख लोगों के नाम गायब थे ।
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