आयुष्मान खुराना की फिल्म ‘आर्टिकल १५’ रिलीज हो चुकी है और फिल्म और क्रिटिक्स दोनों ही फिल्म की तारीफ कर रहे हैं । फिल्म में आयुष्मान की परफॉमेर्ंस की भी खूब तारीफ हो रही है । आयुष्मान फिल्म में एक नए लेकिन कड़े आइपीएस की भूमिका निभा रहे हैं जो समाज में जाति व्यवस्था के कारण लोगों की दयनीय हालत देखकर दंग है । आयुष्मान ने इस किरदार के साथ जुड़ी अपनी भावनाएं शेयर की हैं । आयुष्मान ने कहा मैं वर्दी वाले पुरुष और महिलाओं का बहुत सम्मान करता हूं । जब मैंने वर्दी पहनी तो मेरे आसपास का ऑरा बदल गया । मेरी बॉडी लैंग्वेज बदल गई । फिल्म एक बाहरी के नजर से ग्रामीण भारत की जाति व्यवस्था को दिखाती है । पहली बार मैं परिस्थितियों का शिकार नहीं बल्कि मास्टर के किरदार में हूं । आयुष्मान ने फिल्म की तैयारियों के बारे में भी बताया । उन्होंने कहा कि उन्होंने डॉ. बी.आर. आंबेडकर द्वारा बताए गए जाति भेद के बारे में खूब पढ़ा । आयुष्मान कई रातें जागकर हमारे देश में शोषित लोगों के बारे में पढ़ते रहे । आयुष्मान का कहना है कि ‘आर्टिकल १५’ में पुलिस का किरदार निभाना उनके लिए काफी इमोशनल था । फिल्म से उम्मीदों के बारे में पूछने पर आयुष्मान कहते हैं कि इसके बाद इस मुद्दे पर चर्चा बढ़नी चाहिए । भारत रातोंरात नहीं बदल सकता है लेकिन फिल्मों से कम से कम ऐसे विषयों पर चर्चा शुरू तो की जा सकती है ।
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