करतारपुर कॉरिडोर को लेकर शुरुआत में उत्साह दिखाने वाला पाकिस्तान अब इस पर अपने पैर पीछे खिंचता दिख रहा है । इस कॉरिडोर का निर्माण पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा करतारपुर साहिब तक श्रद्धालुओं की पहुंच के लिए बनाया जा रहा है । कहा जाता है कि इसी स्थान पर गुरु नानक देव ने अपने जीवन के १८ वर्ष बिताए थे । भारत ने अपनी सीमा में इस गलियारे के काम को तेजी से अंजाम दिया है । भारत ने इस कॉरिडोर के तहत ४ लेन हाइवे स्ट्रेच का निर्माण लगभग पूरा कर लिया है ।
हालांकि पाकिस्तान ने अपनी तरफ ऑल वेदर ब्रिज के काम को लटका रखा है, जबकि इस प्रॉजेक्ट को पूरा करने के लिए नवंबर, २०१९ की डेडलाइन रखी गई है । नवंबर में ही सिख संप्रदाय के संस्थापक गुरु नानक देव की ५५०वीं जयंती है । २७ मई को टेक्निकल एक्सपट्र्स की ग्रुप मीटिंग में पाकिस्तान ने इस रास्ते पर एक ऊंचा मार्ग बनाने की बात कही थी, लेकिन इस पर भारत की हाइवे निर्माण संस्था एनएचएआई ने कहा था कि यह ठीक नहीं है । एनएचएआई एवं अन्य अधिकारियों का कहना था कि इस रास्ते पर रावी में बाढ़ के चलते खतरे की स्थिति होगी ।
सूत्रों का कहना है कि भारत की ओर से बनने वाले ४ लेन हाइवे को पाकिस्तान की तरफ बने टून-लेन रास्ते पर मिलाना था । इसके अलावा भारतीय सीमा में एक ऑलवेदर ब्रिज बनना है, जो पाकिस्तान में कॉजवे यानी पक्की और ऊंची सड़क पर जाकर निकलता । दोनों देशों के बीच निर्माण को लेकर इस विसंगति पर कई बार चर्चाएं हुई थीं ।
पुल न बना तो बढ़ आने पर रुक सकती है यात्रा’ हालांकि पाकिस्तान ने अपने सीमित संसाधनों और गुरु नानक देव जी की ५५०वीं जयंती के उत्सव में कम वक्त बचे होने की बात कही थी । पाकिस्तान का यह रवैया उसके पुराने के रुख के उलट है, जिसमें उसने करतारपुर कॉरिडोर के निर्माण को लेकर उत्साह दिखाया था । एक सरकारी अधिकारी ने बताया, यदि पाकिस्तान के रास्ते में बनी रोड पर रावी नदी में बाढ़ आने पर पानी भर जाता है तो फिर तीर्थ यात्रा अस्थायी तौर पर रुक जाएगी । इसकी बजाय यदि दोनों ही तरफ से पुल का निर्माण हो जाए तो हर मौसम में यात्रा को जारी रखा जा सकेगा ।
આગળની પોસ્ટ