एक बार जब महेंद्र सिंह धोनी ने यॉर्कर फेंकने को कहा तो शनिवार को अफगानिस्तान के खिलाफ मुकाबले की हैटट्रिक बॉल को लेकर मोहम्मद शमी के मन में कोई दुविधा नहीं रही । शमी वर्ल्ड कप में हैटट्रिक लेने वाले दूसरे भारतीय गेंदबाज बन गए । इससे पहले चेतन शर्मा ने १९८७ में न्यू जीलैंड के खिलाफ नागपुर में तिकड़ी ली थी । यह विश्व कप में १०वीं हैटट्रिक थी । भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए ८ विकेट पर २२४ रन बनाए जवाब में अफगानिस्तान की टीम २१३ रनों पर ऑल आउट हो गई । मैच में ४० रन देकर चार विकेट लेने वाले शमी ने मैच के बाद पत्रकारों से कहा, मेरा प्लान सिंपल था । मैं यॉर्कर फेंकना चाहता था । यहां तक कि इसके बाद माही भाई ने भी मुझे यही करने को कहा । उन्होंने कहा, अब कुछ बदलने की जरूरत नहीं है क्योंकि अब तुम्हारे पास हैटट्रिक लेने का शानदार मौका है । यह एक दुर्लभ अवसर है, तुम्हें यही करने की जरूरत है । तो मैंने वही किया जो मुझे करने को कहा गया ।
भुवनेश्वर कुमार की चोट के कारण शमी को अंतिम एकादश में मौका मिला और बंगाल के इस तेज गेंदबाज ने इसे खूब भुनाया । उन्होने कहा, मुझे किस्मत से अंतिम ११ में मौका मिला । मुझे जब भी मौका मिलता मैं उसके लिए तैयार था ।
मुझे इसका फायदा उठाना ही था । जहां तक हैटट्रिक की बात है तो यह किस्मत की बात है, खास तौर पर वर्ल्ड कप में । मैं हैटट्रिक लेकर काफी खुश हूं । शमी ने कहा कि आखिरी ओवर में सोचने के लिए ज्यादा वक्त नहीं होता । मेरा लक्ष्य सिर्फ योजना का क्रियान्वयन करना था । उन्होंने कहा, आपके पास सोचने का ज्यादा वक्त नहीं होता । आपको अपने हुनर पर भरोसा करना होता है और विकल्प आपके पास नहीं होता । अगर आप ज्यादा वैरिएशन ट्राय करते हो तो रन बन सकते हैं । मैं बल्लेबाज के दिमाग को पढ़ने के बजाय अपने प्लान के हिसाब से काम करना चाहता था ।
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