Aapnu Gujarat
બ્લોગ

एक साथ चुनाव ही सर्वश्रेष्ठ

हमारी सरकार ने लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एक साथ करवाने के विचार को पकड़ा तो सही लेकिन उसे पता नहीं कि इस अभूतपूर्व पहल को शुरु  करने के पहले उसे क्या-क्या कदम उठाने चाहिए, बिल्कुल वैसे ही जैसे कि नोटबंदी या जीएसटी लागू करते समय हुआ था। यह मामला नोटबंदी, जीएसटी और बालाकोट हमले से भी ज्यादा नाजुक है। यदि इसमें जरा भी लापरवाही हो गई तो सरकार को लेने के देने पड़ जाएंगे। होम करते हाथ जल जाएंगे। एक साथ चुनाव के मुद्दे पर विचार करने के लिए सरकार ने उन 40 दलों के अध्यक्षों को आमंत्रित किया था, जिनका एक भी सदस्य अभी की संसद में चुना गया हो। 40 में से 24 दल आए। तीन दलों ने लिखकर अपने विचार भेज दिए। आजकल नई संसद का सत्र शुरु हुआ है। सारे सांसद दिल्ली में ही होते हैं। फिर भी वे आए क्यों नहीं ? कांग्रेस, तृणमूल, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी जैसे महत्वपूर्ण दलों ने इस बैठक का बहिष्कार किया। 14 दलों ने एक साथ चुनाव पर हां भरी और 16 दलों ने असहमति जाहिर की। जो नहीं आए, उन्होंने भी असहमति भेज दी। प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री का रवैया काफी रचनात्मक रहा। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर वे सबकी राय लेकर ही आगे बढ़ेंगे। सरकार को पता है कि इस मामले में दादागीरी नहीं चलेगी, क्योंकि यदि सारे विरोधी दल एक साथ चुनाव का बहिष्कार कर दें तो उस चुनाव की वैधता ही शून्य हो जाएगी। इस मुद्दे पर यदि सर्वसम्मति बन सके तो वह अति उत्तम होगा। यदि भारत ने यह नई पद्धति लागू कर दी तो सारी दुनिया, जहां भी संसदीय लोकतंत्र है, भारत का अनुकरण करेगी। यह ठीक है कि भारत को अपने संविधान में संशोधन करना होगा। अपने चुनाव आयोग और विधि आयोग का पूर्ण सहयोग लेना होगा। सिर्फ सांसदों ही नहीं, इस प्रावधान की तैयारी समिति में विधि विशेषज्ञोें को भी रखना होगा। देश की जनता के सामने यह स्पष्ट भी करना होगा कि किसी व्यक्ति-विशेष की तानाशाही स्थापित करने के लिए यह तिकड़म नहीं की जा रही है। कम्युनिस्ट पार्टी ने आरोप लगाया है कि यह चोर दरवाजे से अध्यक्षात्मक या राष्ट्रपत्यात्मक शासन-प्रणाली स्थापित करने का षड़यंत्र है। मेरी राय यह है कि यह नई प्रणाली अध्यक्षात्मक और संसदीय प्रणाली से भी बेहतर होगी। देश के सभी नेताओं से मेरा अनुरोध है कि इस नए सुधार को वे राष्ट्रहित की दृष्टि से ही देखें।

Related posts

પોતાની છબી બદલવા પ્રતિબદ્ધ સંઘ

aapnugujarat

ખતરનાક

aapnugujarat

MORNING TWEET

aapnugujarat

Leave a Comment

UA-96247877-1