सुशील मोदी ने कहा कि 17वीं लोकसभा के पहले संयुक्त अधिवेशन में जब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद नई सरकार की दृष्टि, पिछले कार्यकाल की उपलब्धियों और भारतीय अर्थव्यवस्था को दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने से लेकर चांद पर तिरंगा फहराने के मिशन तक का खाका प्रस्तुत कर रहे थे, तब राष्ट्रपति के अभिभाषण के प्रति स्पष्ट निरादर प्रकट करते हुए कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी अपने स्मार्ट फोन पर लगे रहे।
मोदी ने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व न पिछड़ा नेतृत्व वाली एनडीए सरकार को लगातार दूसरी बार मिले जनादेश को स्वीकार कर पाया है, न वह दलित समुदाय के राष्ट्रपति का आदर करना चाहता है। कांग्रेस को राहुल गांधी के इस व्यवहार के लिए देश के 61 करोड़ मतदाताओं से माफी मांगनी चाहिए।
सुशील मोदी ने राजद पर तंज कसते हुए कहा कि बिहार में जिन्हें वंशवादी राजनीति के कारण सीनियर नेताओं को किनारे कर विरोधी दल के नेता का पद दे दिया गया है, उनके बारे में महीने भर से उनकी पार्टी के शीर्ष नेताओं को भी पता नहीं है। कोई बताता है कि वे क्रिकेट का वर्ल्डकप देखने लंदन गए हैं, तो किसी का कहना है कि वे दिल्ली में बैठकर मुजफ्फरपुर में फैले चमकी बुखार पर नजर रख रहे हैं। मोदी ने कहा कि राजद ने कभी मुख्यमंत्री के पद का मजाक बनाया था अब विरोधी दल के नेता के पद का भी वही हस्त्र कर दिया गया है।