सीमा विवाद के बाद चीन की कमर तोड़ने की पुरजोर कोशिश जारी है। ऐसे में हरियाणा सरकार ने भी चीन को बड़ा झटका दिया है। हिसार और यमुनानगर में चीनी कंपनियों के टेंडर को रद्द कर दिया गया है। हिसार के खेदड़ थर्मल पावर प्लांट में ये टेंडर बीजिंग की एक कंपनी को मिला था, तो वहीं यमुनानगर में शंघाई की एक कंपनी टेंडर लेने में कामयाब हुई थी। हिसार जिले के खेदड़ थर्मल में 1200 मेगावाट के लिए 540 करोड़ रुपए और यमुनानगर में 600 मेगावाट के लिए 284 करोड़ रुपए के टेंडर हुए थे। लेकिन, अब मेक इन इंडिया के तहत नये सिरे से टेंडर होगा और इसमें भारतीय कंपनियों को ही प्राथमिकता दी जाएगी। हरियाणा विद्युत उत्पादन निगम ने अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धात्मक आधार पर निविदाएं मांगी थी। दीनबंधु छोटू राम थर्मल पावर स्टेशन यमुनानगर के लिए 5 कंपनियों ने बोली लगाई जिनमें तीन चीन की हैं, जबकि दो भारत की। भारतीय बोलीदाताओं में भी एक कंपनी मैसर्स ईपीआइएल चीनी फर्म से जुड़ी है, जबकि मैसर्स भेल एक अन्य विदेशी फर्म से जुड़ी है। प्रदेश सरकार ने इन निविदाओं को रद्द करने और एनटीपीसी की तर्ज पर डोमेस्टिक बिडिंग के आधार पर नए सिरे से निविदाएं जारी करने के आदेश जारी कर दिए हैं। नई बोली में केवल भारतीय कंपनियों को ही शामिल किया जाएगा। चीन ने जिस तरह सीमा पर हिमाकत की है, उसके बाद प्रदेश सरकार ने चीनी कंपनियों की बोली रद्द करने का निर्णय लिया है। दूसरे महकमों से जुड़ी सरकारी बोलियों में भी चीन से संबंध रखने वाली कंपनियों से परहेज किया जाएगा। महामारी के बाद चीन से बाहर निकलने की इच्छुक कंपनियों को प्रदेश सरकार हरियाणा में निवेश के लिए विशेष रियायतें देगी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि प्रदेश सरकार स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लोकल फॉर वोकल के मंत्र पर चल रही है। चीन ने सीमा पर जो दुस्साहस किया है, उसका आर्थिक रूप से भी जवाब देने की तैयारी हमने कर ली है। चीनी कंपनियों को बोलियों में शामिल न कर दूसरी राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय कंपनियों को मौका दिया जाएगा।
પાછલી પોસ્ટ