पीएम नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री के तौर पर अपने पहले कार्यकाल में स्वच्छ भारत मिशन को अपनी फ्लैगशिप स्कीम बनाया था । अब दूसरी पारी में मोदी सरकार ग्रामीण भारत के सभी घरों तक पाइपलाइन से पानी पहुंचाने की योजना पर काम करेगी । इस स्कीम के तहत केंद्र सरकार पाइपलाइन के जरिए पानी की सप्लाई और जल संरक्षण पर फोकस करेगी । जल संसाधन मंत्रालय को जल शक्ति बनाकर पीएम मोदी ने पहले ही इस बात के संकेत दे दिए थे कि आने वाले वक्त में जल की उपलब्धता सरकार की प्राथमिकता में होगी । सौभाग्य योजना के तहत मोदी सरकार ने देश के हर घर में बिजली पहुंचाने के अपने लक्ष्य को लगभग हासिल कर लिया है । हालांकि अब हर घर तक स्वच्छ पानी पहुंचाने का अभियान आसान नहीं है । नीति आयोग की मीटिंग में शनिवार को पीएम मोदी ने केंद्र सरकार का अजेंडा पेश करते हुए कहा कि हमारा मुख्य लक्ष्य साथ मिलकर जल से जुड़े मुद्दों को हल करना है । यह काम जल शक्ति मंत्रालय की ओर से किया जाएगा । मोदी सरकार फिलहाल ग्रामीण भारत में २०२४ तक हर घर तक पानी पहुंचाने का लक्ष्य लेकर चल रही है । आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक गांवों में पाइपलाइन के जरिए पानी पहुंचाने की वृद्धि दर २०१३-१४ में १२ पर्सेंट थी, लेकिन २०१७-१८ में इस स्कीम में १७ पर्सेंट का इजाफा हुआ है । सूत्रों के मुताबिक २०२४ तक गांवों में हर घर तक पाइपलाइन से पानी पहुंचाने की स्कीम भी शौचालय निर्माण जैसी ही है । अक्टूबर २०१४ में ग्रामीण भारत के ३३ फीसदी घरों में ही शौचालय थे, लेकिन आज यह आंकड़ा ९९ फीसदी तक पहुंच गया है । सरकार ने जल पहुंचाने के अलावा उसके संरक्षण और सदुपयोग के लिए भी लोगों को जागरूक करने का फैसला लिया है । आमलोगों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक करने के लिए सरकार जलदूतों की नियुक्ति की योजना बना रही है । इससे पहले सरकार ने स्वच्छता मिशन के तहत स्वच्छदूत या स्वच्छाग्रहियों का चयन किया था । नीति आयोग की बैठक में कई राज्यों में सूखे की स्थिति को लेकर भी चर्चा हुई ।
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