कोलकाता में डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा और उसके बाद देशभर में डॉक्टरों की हड़ताल पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ। हर्षवर्धन सिंह ने खुलकर अपनी बात रखी है। अब से कुछ देर पहले ही एम्स (AIIMS) के रेजि़डेंट डॉक्टरों का एक समूह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन सिंह से मिला और उनसे पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के खिलाफ हुई हिंसा को लेकर बातचीत की। इससे पहले स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन सिंह ने हड़ताल पर बैठे डॉक्टरों से अपील करते हुए कहा, मैं देशभर के डॉक्टरों को विश्वास दिलाता हूं कि सरकार आपकी सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। मैं सभी डॉक्टरों से अपील करता हूं कि आप सांकेतिक धरना जारी रखें और अपना कर्तव्य जरूर निभाएं।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन सिंह ने इशारों-इशारों में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर भी निशाना साधा। डॉ. हर्षवर्धन सिंह ने कहा, मैं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री से भी अपील करना चाहूंगा कि वो इसे अपनी प्रतिष्ठा का मुद्दा ना बनाएं। उन्होंने डॉक्टरों को अल्टीमेटम दिया, जिसके कारण सभी डॉक्टर नाराज हो गए और हड़ताल पर चले गए। आज मैं ममता बनर्जी जी को पत्र लिखूंगा और इस मुद्दे पर उनसे बात करने की भी कोशिश करूंगा। इसके अलावा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन सिंह ने बिहार के मुजफ्फरनगर में एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (AES) से 57 मौतों पर कहा, केंद्र की ओर से डॉक्टरों की एक टीम अस्पताल गई है और वहां सरकार को सलाह देने का काम कर रही है। मैंने खुद बिहार के स्वास्थ्य मंत्री के साथ दो बैठकें की हैं और उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।
पश्चिम बंगाल से शुरू हुई जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल को अब देशभर के डॉक्टरों का समर्थन मिल रहा है। बंगाल में जूनियर डॉक्टरों के साथ हुई मारपीट की घटना से मेडिकल एसोसिएशन में गु्स्सा है। पश्चिम बंगाल के डॉक्टरों का समर्थन करते हुए राजधानी में दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (DMA) ने हड़ताल बुलाई है। इसका सबसे ज्यादा असर AIIMS जैसे बड़े अस्पतालों पर देखने को मिल रहा है। यहां OPD में नए मरीजों का इलाज नहीं किया जा रहा है। महाराष्ट्र में भी डॉक्टरों ने काम करने से साफ इनकार कर दिया है। उनका कहना है कि वह साइलेंट प्रोटेस्ट करेंगे। खबरों के मुताबिक, दिल्ली और महाराष्ट्र के अलावा पंजाब, केरल, राजस्थान, बिहार और मध्य प्रदेश में भी डॉक्टरों ने काम करने से मना कर दिया है।