फ्रांस ने भारत से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में साथ देने का भरोसा जताया है। फ्रांस के विदेश मामलों के राज्य मंत्री जीन बैप्टिस्ट लेमोयने ने यह बात कही है। उन्होंने कहा कि फ्रांस आतंक और टेरर फंडिंग के खिलाफ भारत की लड़ाई में उसके साथ खड़ा है। बता दें कि लेमोयने इस वक्त आधिकारिक दौरे पर नई दिल्ली आए हैं, इसी दौरान उन्होंने यह बयान दिया। लेमोयने ने इस दौरान मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित किए जाने पर भी टिप्पणी की। आतंक के खिलाफ लड़ाई हमारी प्राथमिकता है। फ्रांस इसमें भारत के साथ है। मुझे लगता है कि हमें इससे जुड़े विभिन्न मुद्दों पर भी बात करनी चाहिए। जैसे, साइबरसिक्योरिटी एक अहम मुद्दा है, जो टेरर फंडिंग से जुड़ा हुआ है।
यह हर दिन की लड़ाई है और मैं कह सकता हूं कि इस क्षेत्र में हमारे भारत के साथ अच्छे संबंध है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगामी फ्रांस यात्रा पर बात करते हुए कहा, राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रों और पीएम मोदी के बीच एक मजबूत रिश्ता और एक-दूसरे के लिए आपसी सम्मान की भावना है। यही नहीं उन्होंने कुछ समय पहले फ्रांस में रफाल लड़ाकू विमान के परीक्षण के लिए पहुंची भारतीय वायुसेना की टीम पर हुए हमले की जांच का भी भरोसा दिलाया। बीते दिनों भारतीय टीम फ्रांस से आने वाले 36 रफाल विमानों का निरीक्षण करने पहुंची थी, तभी उनपर अचानक हमला बोल दिया गया।
फ्रांस पुलिस मामले की जांच कर रही है। उस वक्त रक्षा मंत्रालय ने भी फ्रांस सरकार से रिपोर्ट मांगी थी। पुलवामा हमले के बाद जब भारत ने हमले के जिम्मेदार संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना के खिलाफ अपनी मुहिम तेज की, तो इसमें उसे फ्रांस का साथ मिला था। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में फ्रांस, UK और US के अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव के बाद चीन ने अपना टेक्निकल होल्ड हटाया। इसके बाद आखिरकार 1 मई को अजहर वैश्विक आतंकी की लिस्ट में डाला गया।