मार्च में एंटी सैटेलाइट (ए-सैट) मिसाइल का सफल परीक्षण करने के बाद भारत ने हाल ही में ट्राई-सर्विस डिफेंस स्पेस एजेंसी की शुरुआत की है। भारत की योजना है कि अगले महीने अंतरिक्ष मे पहला युद्धाभ्यास किया जाए। इससे पहले मिशन शक्ति के जरिए भारत ने चीन को टक्कर दी थी और अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा को और मजबूत किया था। नई योजना का नाम इंडस्पेसएक्स है। यह अभ्यास व्यापक रूप से टेबल-टॉप वार गेम पर आधारित होगा। जिसमें सैन्य और वैज्ञानिक समुदाय के हितधारक हिस्सा लेंगे लेकिन यह उस गंभीरता को दर्शाता है जिसमें भारत चीन जैसे देशों से अपनी अंतरिक्ष संपत्ति पर संभावित खतरों का मुकाबला करने की आवश्यकता पर विचार कर रहा है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, अंतरिक्ष का सैन्यकरण होने के साथ ही प्रतिस्पर्धा भी हो रहा है। इस अभ्यास का मुख्य लक्ष्य रक्षा मंत्रालय के इंडीग्रेटिड डिफेंस स्टाफ के अतंर्गत जुलाई के आखिर में होने वाले आवश्यक अंतरिक्ष और काउंटर-स्पेस क्षमताओं का आकलन करना है। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हम अपनी सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा के हितों की युद्ध के इस अंतिम मोर्चे में रक्षा कर सकते हैं।
दूसरे अधिकारी ने कहा, ‘भारत को अंतरिक्ष में निगरानी, संचार, मिसाइल की पूर्व चेतावनी और सटीक टारगेट लगाने जैसी चीजों की आवश्यकता है। इससे न केवल हमारे सशस्त्र बलों की विश्वसनीयता बढ़ेगी बल्कि हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा भी मजबूत होगी। ऐसे में इंडस्पेसएक्स हमें अंतरिक्ष में रणनीतिक चुनौतियों को बेहतर ढंग से समझने में मदद करेगा, जिन्हें संभालने की बहुत जरूरत है।