वाराणसी लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी (एसपी) के प्रत्याशी तेज बहादुर यादव की उम्मीदवारी खारिज हो गई है । निर्वाचन अधिकारी ने बुधवार को तेज बहादुर का नामांकन रद्द कर दिया । वाराणसी के रिटर्निंग ऑफिसर ने उनसे बुधवार तक नोटिस का जवाब देने को कहा था । वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लगातार दूसरी बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं ।
नामांकन पत्रों की जांच के बाद तेज बहादुर यादव द्वारा दाखिल दो नामांकन पत्रों में बीएसएफ के बर्खास्तगी की दो अलग-अलग जानकारी सामने आई थी । इसके बाद उन्हें २४ घंटे के अंदर बीएसएफ से एनओसी लेकर जवाब देने को कहा गया था । तेज बहादुर से नोटिस में कहा गया था कि वह बीएसएफ से एनओसी लेकर आएं, जिसमें यह साफ किया गया हो कि उन्हें किस वजह से नौकरी से बर्खास्त किया गया था । तेज बहादुर यादव ने हाल ही में दावा किया था कि करीब दस हजार पूर्व सैनिक वाराणसी आकर असली चौकीदार के पक्ष में और नकली चौकीदार (पीएम मोदी) के खिलाफ घर-घर प्रचार करेंगे । उन्होंने कहा था, मैं हार-जीत के लिए नहीं, बल्कि पीएम मोदी को आईना दिखाने के लिए चुनाव मैदान में उतरा हूं । जनता को बताऊंगा कि सैनिकों का हितैषी होने का दावा करने वाले पीएम मोदी ने सैनिकों से किया गया एक भी वादा पूरा नहीं किया है । पूर्व सैनिक घर-घर जाकर बताएंगे कि मौदी ने सैनिकों का क्या हाल कर रखा है ।
सच्चाई पता चलने पर पब्लिक हमारे साथ खड़ी होगी । इससे पहले एसपी ने शालिनी यादव को अपना कैंडिडेट घोषित किया था । लेकिन २९ अप्रैल को एसपी ने अपना कैंडिडेट बदलकर तेज बहादुर के नाम का ऐलान किया था । शालिनी यादव पहले कांग्रेस में थीं और वाराणसी में मेयर के चुनाव में उन्हें १.१३ लाख वोट मिले थे । कांग्रेस ने अपने पुराने प्रत्याशी अजय राय को एक बार फिर मोदी के मुकाबले खड़ा किया है । हालांकि शालिनी ने भी २९ अप्रैल को अपना नामांकन दाखिल किया था ।
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