पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री चौधरी निसार अली खान शनिवार को अफगानिस्तान को चेतावनी दे रहे थे, लेकिन यहां भी वह भारत का जिक्र करना नहीं भूले । चौधरी ने अफगानिस्तान को चेताते हुए कहा कि वह भारत की बोली न बोले । उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान भारत की भाषा में ना तो अपने विचार जाहिर करे और ना ही भारत के नजरिए के मुताबिक अपनी राय ना दिया करे । मालूम हो कि पिछले कुछ समय से पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव काफी बढ गया है । भारत की ही तरह अफगानिस्तान का भी आरोप है कि आतंकवादी पाकिस्तानी जमीन का इस्तेमाल कर उनकी सीमा में घुसपैठ करते हैं और आतंकी गतिविधियों को अंजाम देते हैं । दोनों देशों के बीच सीमा पर भी काफी टकराव की स्थिति बन गई है । अफगानी बोर्डर फोर्स की तरफ से बलूचिस्तान के चमन एरिया में फायरिंग की गई थी, जिसमें पाकिस्तानी सुरक्षा बल के कुछ सैनिक मारे गए थे । इसके जवाब में पाकिस्तान ने एक कार्रवाई कर ५० अपगानी सैनिकों को मारने का दावा किया था । इससे पहले पाकिस्तानी सेना ने आरोप लगाया था कि लाल शाहबाज कलंदर दरगाह पर हुए आत्मघाती हमले के पीछे अफगानिस्तान के आतंकवादियों का हाथ है । बताया गया था कि इसी को मद्देनजर रखते हुए पाकिस्तान ने अफगान सीमा के अंदर बने उग्रवादी ठिकानों पर हमला भी किया । खैबर पख्तूनख्वा के वारसक में एक पासिंग आउट परेड को संबोधित करते हुए चौधरी ने चेतावनी देने के अंदाज में कहा कि अगर अफगानिस्तान भारत की बोली में बात करना जारी रखता है, तो पाकिस्तान उपर ध्यान नहीं देगा । रेडियो पाकिस्तान की खबर के मुताबिक अगर अफगानिस्तान का राजनैतिक नेतृत्व पाकिस्तान के दुश्मन देश भारत की भाषा में उसकी तरह बोलना जारी रखता है तो इसे पाकिस्तान बर्दाश्त नहीं करेगा ।
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