इससे पहले पेइचिंग ने कहा था कि दक्षिणी चीन सागर के द्वीपों पर सैन्य निर्माण कराने का उसका मकसद सीमित है और इसका इस्तेमाल यह जरुरी सुरक्षा के लिए करेगा । साथ ही चीन ने यह भी कहा था कि वह अपने अधिकार क्षेत्र में जो भी करना चाहे । वह करने के लिए स्वतंत्र हैं । उधर अमेरिका ने चीन द्वारा इस विवादित क्षेत्र में कराए जा रहे सैन्य निर्माण कार्य की निंदा करते हुए कहा था कि चीन अपनी समुद्रीय चौकियों का सैन्यीकरण कर रहा है । अमेरिका ने फिर से दोहराया कि अंतरराष्ट्रीय समुद्रीय कानूनों के मुताबिक अऩ्य देशों को इस क्षेत्र से गुजरने का अधिकार है । वॉशिंग्टन की ओर से यह भी कहा गया कि बाकी देशों को दक्षिणी तीन सागर में समय समय पर हवाई व नौसैनिक पेट्रोलिंग करने का भी पूरा अधिकार हैं । अमेरिका के इस बयान पर चीन ने काफी नाराजगी भी जताई । चीन की सरकार ने नियंत्रण वाले अखबार ने मंगलवार को अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि स्प्रैटलि द्वीपसमूह में स्थित फियरी क्रॉस चट्टान पर रॉकेट लॉन्चर डिफेंस सिस्टम तैनात किया गया हैं । यह रॉकेट लॉन्चर्स दुश्मन देश के गोताखोरों की पहचान कर सकते हैं और उन पर हमला भी कर सकते हैं । फियरी क्रॉस रीफ पर चीन का अधिकार है, लेकिन उसके इस अधिकार को फिलीपीन्स, वियतनाम और ताईवान चुनौती देते हैं । ये सभी देश इस चट्टान पर अपना दावा करते है । अखबार ने अपनी रिपोर्ट में यह साफ नहीं किया है कि चीन ने यह डिफेंस सिस्टम कब लॉन्चज किया, लेकिन इतना जरूर बताया गया है कि यह मई २०१४ में शुरु की गई रक्षात्मक गतिविधियों का ही हिस्सा है । मालूम हो कि मई २०१४ में वियतनाम के गोताखोरों ने पारासेल द्वीपसमूह पर बडी मात्रा में मछली पकडने के जाल लगाए थे ।