प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने १३ हजार करोड़ रुपये के पंजाब नैशनल बैंक घोटाले के बाद जब्त नीरव मोदी और मेहुल चौकसी की संपत्तियों की जानकारी आरटीआई ऐक्ट के तहत साझा करने से इनकार कर दिया है । हालांकि पहले इसने ट्विटर पर बताया था कि नीरव मोदी और उनके मामा मेहुल चौकसी की ७६६४ करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की जा चुकी है ।
केन्द्रीय एजेंसी ने यह भी बताने से इनकार किया कि अरबपति जूलर्स को देश में वापस लाए जाने के प्रयास पर कितना पैसा खर्च किया गया है । गौरतलब है कि नीरव और मेहुल पीएनबी द्वारा सीबीआई से शिकायत किए जाने से पहले जनवरी के पहले सप्ताह में देश छोड़कर चले गए थे । आरटीआई ऐक्ट की धारा २४ के तहत प्रवर्तन निदेशालय को यह अधिकार है कि वह कथित भ्रष्टाचार की सूचना जाहिर नहीं करेगा । सीबीआई ने नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज किया है । पुणे के आरटीआई ऐक्टिविस्ट विहार ध्रुवे ने ईडी से नीरव मोदी और मेहुल चौकसी को भारत वापस लाने के लिए अधिकारियों के यात्रा खर्च, भारत व विदेश में वकीलों को सलाह के लिए दी गई फीस आदि से संबंधित जानकारी मांगी थी । उन्होंने नीरव और मेहुल की कंपनियों को जारी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग उनके द्वारा ली गई राशि और ईडी द्वारा जब्त संपत्तियों का ब्योरा भी मांगा था ।