उत्तर प्रदेश के किसानों की आय दोगुनी करने के लिए राज्य सरकार एग्रो क्लाइमेटिक जोन के हिसाब से हर जिले में एक नई कृषि प्रणाली विकसित करेगी । इसके लिए राज्य सरकार इंटरनैशनल संस्था इंक्रीसैट के साथ एमओयू साइन करेगी । मंगलवार को कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी । इंक्रीसैट के वैज्ञानिक बताएंगे कि किस क्षेत्र में कौन सी खेती की जाए, जिससे किसानों की आय बढ़ सके । इसके साथ ही यह संस्था बताएगी कि किस तरह किसान अपनी लागत को कम कर सकते हैं । किसानों की आय बढ़ाने के लिए यह संस्था कृषि के साथ पशुपालन, फूलों की खेती, मछली पालन और दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए भी सुझाव देगी । यूपी को नौ एग्रो क्लाइमेटिक जोन में बांटा गया है । इसी एग्रो क्लाइमेटिक जोन के हिसाब से किसानों को खेती की सलाह दी जाएगी । इसमें वेस्टर्न फ्लेन जोन में सहारनपुर, मुजफ्फरनगर और बागपत शामिल है । मिड वेस्टर्न प्लेन जोन में बिजनौर, मुरादाबाद, रामपुर बरेली, बदायूं पीलीभीत और सहारनपुर है । वेस्टर्न सब ट्रॉपिकल जोन में अलीगढ़, मथुरा, आगरा, फिरोजाबाद, एटा और मैनपुरी आएंगे । मिड प्लैन जोन में फर्रुखाबाद, कन्नौज, इटावा, कानपुुर देहात, उन्नाव, हरदोई, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, लखनऊ, रायबरेली, फतेहपुर, प्रतापगढ़ और इलाहाबाद को रखा गया है । बुंदेलखंड जोन में ललितपुर, झांसी जालौन, हमीरपुर, बांदा और चित्रफुट है । नोर्थ ईस्टर्न प्लेन जोन में नौ, ईस्टर्न प्लेन जोन में १० और विंध्य जोन में दो जिले शामिल है ।
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