राज्यभर में अब कॉमन जीडीसीआर १ अप्रैल से लागू हो गया है । सरकार ने निर्माणकाम क्षेत्र में तेजी और आसानी से निर्माणकाम की मंजूरी लोग ले सके इसके लिए जीडीसीआर में बदलाव किया गया है । जिसके कारण अब मध्यमवर्ग को लाभ होगा । मध्यमवर्ग छोटे प्लोट में भी मकान बना सकते हैं । जिसके कारण रियल एस्टेट क्षेत्र में भी नया करंट आयेगा । १ सितम्बर २०१७ से राज्यभर में कॉमन जीडीसीआर को लागू किया गया था । इस जीडीसीआर के विरूद्ध कई आपत्ति सुझाव आये थे । अधिकतर आपत्ति सब प्लानिंग के नियमों में बदलाव के आये थे । इसके अलावा प्लोट में ४० फीसदी कटौती का नियम को हटाना, ६ फीसदी थींक प्लान्टेशन का नियम हटाना, २५० मीटर के प्लोट में चार चरफ मार्जिन का नियम हटाने के मामले में कई आपत्ति पेश किए गए थे । सरकार ने इस आपत्तियों को हटाकर १ अप्रैल से लागू हो ऐसे नये नियमवाले जीडीसीआर जारी किया गया है । अधिकतर मध्यमवर्ग के लोग छोटे मकान में रहना ज्यादा पसंद करते है । १ सितम्बर २०१७ से जीडीसीआर लागू होने पर नौ मीटर से छोटे फ्रन्ट प्लोट में सब प्लोटिंग की मंजूरी नहीं दी जा सकती है, लेकिन नये जीडीसीआर में अब तीन मीटर फ्रन्ट की छूट दी गई है । नये जीडीसीआर के अनुसार प्लोट ६० वर्ग मीटर तक तीन मीटर और ८० वर्ग मीटर तक में पांच मीटर फ्रन्ट होगा तो निर्माणकाम हो सकता है और इसमें आवास बनाया जा सकता है । मार्जिन में सीडी देने के लिए छूट देने में ही प्लोट में बनते मकान में उपर नीचे अलग-अलग निर्माणकाम हो सकता है । १२ मीटर और इसके भी छोटे रास्ते पर जरूरी कॉमर्शियल उपयोग के लिए निर्माणकाम हो सकता है । जिसकी वजह से नागरिक बिजनस के लिए निर्माणकाम कर सकते है । पार्किंग उद्देश्य से पार्किंग फ्लोर की ऊंचाई में २.८ मीटर के बजाय ४.५ मीटर आये होने से ग्राउन्ड और फर्स्ट फ्लोर निर्माणकाम ऊंचाई में बाद मिलेगा ।
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