म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के भाजपा के शासकों ने प्रॉपर्टी टैक्स के डिफोल्टर के प्रति दया की भावना रखकर टैक्स रिबेट योजना की अवधि को आगामी ३१ मार्च, २०१८ तक बढ़ा दिया गया है । दूसरी तरफ टैक्स विभाग के घोटाले का अंत नहीं है, लेकिन सत्ताधीशों के नजरअंदाज करने से भ्रष्ट स्टाफ पर कोई भी कार्रवाई नहीं की जा सकती है । टैक्स विभाग द्वारा नये निर्माणकाम का मूल्यांकन नहीं होने की वजह से प्रशासन को आय में लाखों रुपये का नुकसान होने की जानकारी मिली है । वर्ष २०१३-१४ के चार साल का मूल्यांकन के दौरान यह घोटाला किया गया था । टैक्स आय का निर्धारित टारगेट प्राप्त करने में हर वर्ष में करना होता प्रयास आर्थिक अनियमितता को रोक दिया जाए तो म्युनिसिपल तिजोरी को पैसे से भर दे ऐसी है । प्रशासन के छह जोन में से सबसे समृद्ध माना जाता पश्चिम जोन में टैक्स विभाग के घोटालेबाज अधिकारी और कर्मचारी द्वारा नये प्रकार से वित्तीय अनियमितता करने की घटना सामने आ रही है । इसके संबंधित प्रॉपर्टी टैक्स को इरादापूर्वक कम करने के लिए परिबल किरायेदार के बजाय मालिक बताकर प्रशासन की आय में लाखों रुपये का चुना लगाने की अनियमितता हाल में ही सामने आयी थी, जिसमें प्रोफेशनल टैक्स के प्रमाणपत्र देते समय अर्जी के साथ किराया करार में पश्चिम जोन के टैक्स विभाग के भ्रष्ट स्टाफ द्वारा प्रॉपर्टी टैक्स के बिल में अधर्स के बदले में सेल्फ के तहत मूल्यांकन किया गया था । प्रशासन के वेल्युएशन रफ रजिस्टर की ओडिट जांच के दौरान पश्चिम जोन के टैक्स के और एक घोटाले का पर्दाफाश हुआ है । पश्चिम जोन के वेल्युएशन २०१३-१४ में वेल्युएशन ऑफिसर द्वारा संबंधित वोर्ड के संबंधित स्थल पर और निर्माणकाम कराने का नोट रखा गया था ।
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