कनाड़ा के पीएम जस्टिन ट्रुडो ने अपने देश पहुंच कर भारत के खिलाफ बयान दिया है । ट्रुडो ने इस दावे को सपॉर्ट किया है कि हाल की भारत यात्रा के दौरान भारत के सरकारी अमले ने उनके इमेज खराब करने की कोशिश की । भारत ने इस आरोप का जोरदार खंडन किया है । ट्रुडो पिछले दिनों भारत आए थे और जसपाल अटवाल के कारण उनकी यात्रा विवादो में घिर गई थीं । भारतीय मूल के कनाडाई नागरिक अटवाल पर खालिस्तान की मुहिम से संबंध रखने का आरोप है । अटवाल प्रतिबंधित संगठन इंटरनैशनल सिख यूथ फेडरेशन का सदस्य है और इस संस्था को २००३ में बैन कर दिया गया । अटवाल पर १९८६ में वैंकूवर आइलैंट पर भारतीय कैबिनेट मंत्री मलकीयत सिंह सिंधु की हत्या का प्रयास करने का आरोप है । इसके अलावा अटवाल को १९८५ में एक ऑटोमोबाइल फ्रॉड केस में भी दोषी पाया गया था । मुंबई में अटवाल की एक तस्वीर ट्रुडो की पत्नी सोफी और कनाडा के मंत्री अमरजीत सोढ़ी के साथ सामने आई, जिससे यह पता चला कि वह ट्रुडो को साथ भारत आया हुआ है । ट्रुडो के लिए राजधानी में कनाडाई उच्चायुक्त की ओर से आयोजित डिनर में भी अटवाल को न्योता दिया गया था । विवाद होने पर न्योता वापस ले लिया गया । इस बारे में उठे सवालो पर ट्रुडो के दफ्तर में मीडिया के लिए एक बैकग्राउंड ब्रीफिंग का आयोजन कराया गया था ।
कनाडाई मीडिया के मुताबिक इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डिनियल ज्यों ने कहा था कि अटवाल की मौजूदगी के पीछे भारत के उन सरकारी तत्वों का हाथ था, जो यह नहीं चाहते कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उस विदेशी सरकार के काफी करीब आएं जो उनकी नजर में भारत को एक नहीं देखना चाहती ।
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