चंद्रमा के लिे भारत के दूसरे और बहुप्रतीक्षित चंद्रयान-२ मिशन के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) पूरी तरह से तैयार है । यह साहसिक अभियान चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास इसरो का पहला मिशन होगा । इस साहसिक अभियान के रास्ते में कई सारी चुनौतियां भी हैं । पिछले महीने ही इसरो चीफ के पद से रिटायर हुए ए.एस. किरणकुमार ने कहा हमने इस अभियान के लिए दो स्थानों का चयन कर लिया है, जिसमें से किसी एक को फाईनल किया जाएगा । उस एरिया में अभी तक कोई भी दूसरा चंद्रमा मिशन नहीं लैंड हुआ है । चंद्रमा मिशन के लिए तमिलनाडु के महेन्द्र गिरी में स्थित इसरो के लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर में तैयारी चल रही है । इस प्रैक्टिस में ७०-८० मीटर की ऊंचाई से यान के एक नमूने को लैंड कराया जाएगा । किरण कुमार ने कहा, लोंच के लिए चंद्रयान-२ फ्लाइट के हार्डवेयर को तैयार किया जा रहा है । यह अभियान इस साल की पहली या फिर दूसरी तिमाही में लॉन्च हो सकता है । चंद्रयान-२ को जियोसिन्क्रोनस सैटेलाइट लॉन्च वीइकल मार्क २ रॉकेट के साथ लॉन्च किया जाएगा ।
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