पाकिस्तान में मौजूद अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के बारे में पहले ऐसी खबरें आई थीं कि वह काफी बीमार है और भारत आने के लिए समझौता करना चाहता है । कहा जा रहा था कि छोटे भाई इकबाल कासकर की गिरफ्तार और इकलौते बेटे के मौलाना बनने के बाद उसका काला कारोबार फीका पड गया है । हालांकि अब उसके बारे में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई हैं । ब्रिटिश मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि १९९३ मुंबई धमाकों के मास्टरमाइंड का धंधा तेजी से फल-फूल रहा है । वह ब्रिटेन में कई संपत्तियों का मालिक बन बैठा हैं । रिपोर्ट के मुताबिक ६२ वर्षीय भगोडे दाऊद ने ब्रिटेन के मिडलैंड्स और साउथ-ईस्ट, भारत, संयुक्त अरब अमीरात, स्पेन, मोरक्को, तुर्की, साइप्रस और ऑस्ट्रेलिया में काफी संपत्तियां अर्जित कर ली है । दाऊद की संपत्तियों का ब्योरा तैयार करने के लिए भारतीय अधिकारियों द्वारा तैयार कइ गए डॉजियर का मिलान ब्रिटेन के कंपनीज हाउस के रेकॉर्ड, लैंड रजिस्ट्री और पनामा दस्तावेजों से किया है । रिपोर्ट के मुताबिक दस्तावेजों में यह भी आरपो लगाया गया है कि दाऊद की ओर से उसका दाहिना हाथ कहे जाने वाले मोहम्मद इकबाल मिर्ची मेमन ने ब्रिटेन में काफी संपत्तियां जुटाई, जिनमें इंग्लैंड के दक्षिण पूर्व में होटल, आलीशन हवेली, टावर ब्लॉक और कई घर शामिल हैं । दाऊद पर मैच फिक्सिंग और जबरन वसूली का भी आरोप हैं । गौरतलब है कि मुंबई में १९९३ में हुए बम विस्फोटों में मेमन भी एक संदिग्ध था और विस्फोटों के बाद उसने लंदन में शरण मांगी थी । भारत की ओर से उसे प्रत्यार्पित करने के सारे प्रयास विफल रहे । उसे कभी किसी अपराध में दोषी नहीं ठहराया गया और उसने दाऊद के गिरोह से अपने संबंध होने से इन्कार कर दिया । ब्रिटेन में वह ११ कंपनियों का निदेशक था । २०१३ में दिल का दौरा पडने से उसकी मौत हो गई थी । दाऊद के खिलाफ जहां इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है वहीं, ब्रिटेन के वित्त विभाग ने उसे प्रतिबंध सूची में शामिल कर दिया हैं । वित्त विभाग ने पाकिस्तान में उसके तीन पतो का जिक्र किया हैं ।
भारतीय पासपोर्ट में उसके जन्मस्थान पर महाराष्ट्र का खेर इलाका तथा नागरिकता भारतीय दर्ज है जो पासपोर्ट भारत सरकार ने खारिज कर दिया हैं । ब्रिटिश सरकार ने इस सप्ताह एनएक्सप्लेन्ड वेल्थ ऑर्डर्स पेश किया है और दाऊद की संपत्तियां अब इसके निशाने पर आ सकती है । अनएक्स्प्लेन्ड वेल्थ ऑर्डर्स के अंतर्गत भ्रष्टाचार और रिश्वत में शामिल संदिग्धों को ५०००० पाउंड से ऊपर की संपत्ति का स्त्रोत बताना होगा । ऐसा पहली बार हुआ है कि जब ब्रिटेन ने यूरोपियन यूनियन से बाहर के देशों में मौजूद भ्रष्ट राजनीतिज्ञों से भी रिकवरी का प्रावधान भी कानून में शामिल कर दिया गया हैं ।
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