अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के सत्ताधीशों की बलिहारी से सामान्य लोगों को कानूनी रूप से पैसे चुकाने के बाद भी पानी, गटर के कनेक्शन समय पर नहीं मिलता है । घर के सामने मृत जानवर का शव बदबू आ रही हालत में कई दिनों तक पड़े रहने के बावजूद भी प्रशासन नजरअंदाज कर देता है । प्रोपर्टी टैक्स की भरपायी, जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र जैसे मामलों में भी शहरीजनों को सत्ताधीशों की गलती के कारण भुल सुधारने के लिए कई दिनों तक संबंधित ऑफिस के चक्कर लगाने पड़ते है, लेकिन अब तो मृत नागरिक के साथ भी बिना मानवता का दृष्टिकोण अपनाया जा रहा है । इंडिया कोलोनी वोर्ड के बापूनगर क्षेत्र में म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन संचालित चामुंडा स्मशानगृह में रोते हुए परिवारवाले शवों को लेकर आते रिश्तेदारों के पास से लकडी की अपनी इच्छा से कीमत वसूल रहे होने की बात यह विवादास्पद बन चुकी है । सामान्य रूप से सभी म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन संचालित स्मशानगृह में जलाने वाली लकड़ियां उपलब्ध कराने का कॉन्ट्राक्ट दिया गया है लेकिन यह निजी कॉन्ट्राक्टरों के विरूद्ध सूखी लकड़ियों को लेकर कई शिकायतें आती रही हैं । कॉन्ट्राक्टर के गोडाउन में से उनके लोग सूखी लकड़ियों के बजाय हरी लकड़ियां देते होने की शिकायत बारबार आती है फिर भी सत्ताधीशों ने यह शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया है और संबंधित कॉन्ट्राक्टर को हित को ध्यान में रखकर उनके लाखों रुपये के बिल को जल्दी से मंजूर कर देते है ।
सामान्य रूप से मृत व्यक्ति को जलाने के लिए ८०० रुपये की कीमत के चार मण लकडी जरूरी है लेकिन चामुंडा स्मशानगृह में तो असामाजिक तत्व कॉन्ट्राक्टर के लोगों ने किसी भी लंबा या छोटा के शव को जलाने के लिए एक ही कीमत रखा है । यह लोग रोते हुए रिश्तेदारों की मजबूरी का लाभ उठाकर प्रति शव के लिए १२०० रुपये की वसूलात करते है ।