राजधानी की एक अदालत ने कहा है कि महिला की सहमति के बिना कोई उसे छू भी नहीं सकता । साथ ही अदालत ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अय्याश और यौन-विकृति वाले पुरुषों द्वारा उनको परेशान करने का सिलसिला अब भी जारी है । अदालत ने ९ साल की एक बच्ची का यौन उत्पीड़न करने के मामले में छवि राम नामक व्यक्ति को दोषी ठहराया और उसे ५ साल कैद की सजा सुनाते हुए यह टिप्पणी की । अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सीमा मैनी ने उत्तर प्रदेश के निवासी छवि राम को ५ साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है । उसने उत्तरी दिल्ली के मुखर्जी नगर इलाके के एक भीड़ भरे बाजार में नाबालिग को अनुचित तरीके से छुआ था । वह घटना २५ दिसम्बर २०१४ की है । अदालत ने कहा कि महिला का शरीर उसका अपना होता है और उस पर सिर्फ उसी का अधिकार होता है । दूसरों को बिना उसकी इजाजत के इसे छूने की मनाही है भले ही यह किसी भी उद्देश्य के लिए क्यों न हो । न्यायाधीश ने यह भी कहा कि ऐसा लगता है कि महिला की निजता के अधिकार को पुरुष नहीं मानते और वे अपनी हवस को शांत करने के लिए बेबस लड़कियों का यौन उत्पीड़न करने से पहले सोचते भी नहीं है ।
अदालत ने कहा कि राम एक यौन विकृत शख्स है जो किसी भी तरह की रियायत का हकदार नहीं है । अदालत ने उस पर १० हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया जिसमें से ५ हजार रुपये पीड़िता को दिए जाएंगे । अदालत ने इसके अलावा दिल्ली प्रदेश विधिक सेवा प्राधिकरण को भी बच्चो को ५०,००० रुपये देने को कहा है ।
પાછલી પોસ્ટ
આગળની પોસ્ટ