चारा घोटाले में जेल में बंद आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की पैरवी के लिए कथित रूप से फोन करने के आरोपों से घिरे जालौन के डीएम मन्नान अख्तर के खिलाफ जांच शुरू हो गई है । सीएम योगी आदित्यनाथ ने मीडिया में ऐसी खबरें आने के बाद नाराजगी जताई है । उन्होंने झांसी के कमिश्नर अमित गुप्ता को जांच के आदेश दे दिए है । कमिश्नर से दो दिन के भीतर रिपोर्ट देने को कहा गया है । जालौन के डीएम मन्नान अख्तर पर आरोप है कि उन्होंने आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव की सजा कम करने के लिए सीबीआई की विशेष अदालत के जज शिवपाल सिंह को फोन किया था । उनके साथ ही जालौन के एसडीएम भैरपाल सिंह पर भी जज को फोन पर सिफारिश करने का आरोप हैं । दोनो अफसरों पर आरोप है कि उन्होंने जज से कहा कि लालू की सजा कम कर दी जाए । हालांकि जज ने उनकी बात अनसुनी कर दी थी । दरअसल, जज शिवपाल सिंह जालौन के शेखपुर खुर्द गांव के ही रहने वाले हैं । कुछ समय पूर्व जज शिवपाल सिंह यहां के जिला प्रशासन से अपनी कब्जा हुई जमीन को वापस दिलाने के लिए कह रहे थे । तब यह बात भी चर्चा में आई थी कि जज से कह दिया गया कि आप झारखंड में जज हैं न, आप कानून पढ़कर आएं । जालौन के जिलाधिकारी मन्नान अख्तर ने हालांकि जज को फोन करने के अपने ऊपर लगे आरोप को सिरे से नकरा दिया । डीएम ने कहा कि वह असम के रहने वाले है, उनका न तो झारखंड न ही बिहार या वहां की राजनीति से कोई लेना-देना है । उन्होंने स्पष्ट कहा है कि जिसने भी इस तरह की खबर दी है, वह पहले सबूत पेश करे ।
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