બ્લોગEVENING TWEET December 17, 20170213 Share00 पर्स को कहाँ मालूम पैसे उधार के हैं… वो तो बस फूला ही रहता है अपने गुमान में… ठीक यह ही हाल हमारा है साँसे उस खुदा की उधार दी हुई है। पर ना जाने गुमान किस बात पर है