गुजरात में दलितों पर अत्याचार के और एक विवादित प्रकरण में गुजरात हाईकोर्ट ने महत्व का आदेश दिया है । शहर के नरोडा क्षेत्र में अमदुपूरा के वोरा के रोजा के पास सार्वजनिक रास्ता बंद करने के विवाद में अप्रैल-२०१५ में स्थानीय पुलिस ने महिलाओं, बच्चों सहित के स्थानीय लोगों पर किए गए लाठीचार्ज और अत्याचार को लेकर ढाई वर्ष का समय बीत जाने के बाद पुलिस प्रशासन द्वारा एफआईआर तक दाखिल नहीं किए जाने से पीड़ितों की तरफ से स्थानीय दलित अग्रणी विनोदभाई सोमाभाई डोडिया ने गुजरात हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की थी, जिसकी सुनवाई में जस्टिस जेबी पारडीवाला ने दलितों पर अत्याचार के केस में खुद शहर पुलिस कमिशनर को समग्र मामला देखने के लिए आदेश दिया था । हाईकोर्ट ने पुलिस कमिशनर को जल्दी से यह मामले को देखकर इसमें कानून अनुसार कार्यवाही करने का आदेश दिया गया था ।
दलित अग्रणी विनोदभाई सोमाभाई डोडिया की तरफ से हाईकोर्ट में की गई जनहित याचिका में सीनियर एडवोकेट आर.जे. गोस्वामी और एडवोकेट हार्दिक बी. चंपावत ने पेशकश करते हुए कहा है कि, गत १५.४.२०१५को अमदुपूरा क्षेत्र में वोरा का रोजा के पास सार्वजनिक रास्ता बंद कर देने से कलेक्टर कस्टोडियन की चाली सहित के स्थानीय लोगों ने यह मामले में भारी विरोध और प्रदर्शन किया था । उस समय में शहरकोटडा पुलिस ने अलग-अलग गाडियों में मध्यरात को यह चाली और स्थानीय आवासों में जाकर स्थानीय महिलाओं, बच्चों और प्रदर्शनकारियों को लाठीचार्ज करके अत्याचार किया गया था । पुलिस अत्याचार की यह घटना के बारे में स्थानीय निवासियों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराने का प्रयास किया लेकिन पुलिस ने निवासियों की शिकायत दर्ज कराने के बजाय उल्टा उनके विरूद्ध में रायोटिंग का अपराध दर्ज किया गया था । पिछले ढाई वर्ष से स्थानीय निवासियों की मांग करने के बावजूद भी अभी तक पुलिस दलितों पर पर पुलिस द्वारा अत्याचार की यह घटना के बारे में शिकायत दर्ज नहीं की गई है ।
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