भगवान .. जब स्त्री की रचना कर रहे थे ,
तब उन्हें काफी समय लग गया !
आज छठा दिन था , और स्त्री की रचना
अभी भी अधूरी थी !
इसलिए देवदूत ने पूछा ~ भगवन् !
आप इसमें इतना समय क्यों ले रहे हो ?
भगवान ने जवाब दिया ~ क्या तुमने
इसके सारे गुण धर्म (specifications)
देखे हैं, जो इसकी रचना के लिए जरूरी हैं !
? यह हर प्रकार की परिस्थितियों को
संभाल सकती है !
? यह अपने सभी बच्चों को एक साथ
संभाल सकती है , एवं
खुश रख सकती है !
? यह अपने प्यार से ~
घुटनों की खरोंच से लेकर टूटे हुये दिल
? के घाव भी भर सकती है !
? इसमें सबसे बड़ा गुणधर्म यह है कि
बीमार होने पर भी अपना ख्याल
खुद रख सकती है , एवं
18 घंटे काम भी कर सकती है !
देवदूत चकित रह गया , और आश्चर्य से
पूछा ~ भगवान ! क्या यह सब …
दो हाथों से कर पाना संभव है ?
भगवान ने कहा ~ यह स्टैंडर्ड रचना है !
देवदूत ने नजदीक जाकर …
स्त्री को हाथ लगाया , और कहा ~
भगवान .. यह तो बहुत सोफ्ट है !
भगवान ~ हाँ … यह बहुत ही सोफ्ट है ,
मगर … इसे बहुत strong बनाया है !
? इसमें हर परिस्थिती को संभालने की
ताकत है !
देवदूत ने पूछा ~
क्या यह सोच भी सकती है ?
भगवान ने कहा ~
? यह सोच भी सकती है , और मजबूत
होकर मुकाबला भी कर सकती है !
देवदूत ने नजदीक जाकर …
स्त्री के गालों को हाथ लगाया , और
बोला ~ भगवान ये तो गीले हैं !
लगता है इसमें से लिकेज हो रहा है !
भगवान बोले यह लीकेज नहीं है !
यह इसके आँसू हैं !
देवदूत ~ आँसू किस लिए ?
भगवान बोले ~
यह भी इसकी ताकत हैं !
आँसू .. इसको फरियाद करने ,
प्यार जताने एवं अपना अकेलापन
दूर करने का तरीका है !
देवदूत ~ भगवन् !
आपकी रचना अदभुत है !
आपने सब सोच-समझ कर बनाया है !
आप महान हैं !
भगवान बोले ~
यह स्त्री रूपी रचना अदभुत है !
यही हर पुरुष की ताकत है , जो
उसे प्रोत्साहित करती है !
सभी को खुश देखकर ये भी खुश रहती है !
हर परिस्थिति में हंसती रहती है !
उसे जो चाहिए …
वह लड़ कर भी ले सकती है !
उसके प्यार में कोइ शर्त नहीं है !
उसका दिल टूट जाता है , जब …
अपने ही उसे धोखा देते हैं !
मगर .. हर परिस्थिती से …
समझौता करना भी जानती है !
देवदूत ~ भगवन् !
आपकी रचना संपूर्ण है !
भगवान बोले ~ ना …
अभी इसमें एक त्रुटि है !
यह अपनी ‘महत्वत्ता’ भूल जाती है !
~ सभी आदरणीय स्त्रियों को समर्पित…