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बीजेपी का मास्टर स्ट्रोक नहीं झेल पाएगी कांग्रेस

गुजरात चुनाव में हर रोज कुछ न कुछ नया देखने को मिल रहा है, एक तरफ राहुल गांधी मंदिरो में जाकर खुद को शिवभक्त बता रहे है तो हार्दिक पटेल की सीडी सुर्खियों में छाई हुई है । लेकिन अभी असल लड़ाई शुरु नहीं हुई है । लोगों को ऐसा लग रहा है कि पहली बार कांग्रेस चुनाव मैदान में सक्रिय दिख रही है और बीजेपी हमलावर नहीं बल्कि डिफेंसिव नजर आ रही है । वाकई बीजेपी डिफेंसिव है । ऐसा क्यों है, शिका राज बीजेपी खोल नहीं रही है लेकिन पार्टी के दिग्गज बताते है कि पार्टी के सारे बडे़ तीर फिलहाल कमान में है और जब निकलेंगे तो कांग्रेस झेल नहीं पाएगी । पार्टी की रणनीति बिलकुल गोपनीय रखी गई है और चंद नेताओं के अलावा किसी को इसकी जानकारी नहीं है । जो जानकारी जिसके मतलब की है, उसे ही बताई जा रही है और पार्टी के मास्टर स्ट्रोक अभी जान बुझ कर सामने नहीं लाए जा रहे है । ये मास्टर स्ट्रोक मतदान के ठीक पहले निकलेंगे और उससे चुनाव की पुरी फिजा बदल जाएगी । पार्टी की क्या रणनीति है, जो जानकारी सामने आई है उससे मुताबिक नामांकन प्रक्रिया के बाद पार्टी पुरी तरह चुनाव के सक्रिय मूड में जाना शुरू होगी और चुनाव प्रचार की धार आखिरी वक्त तक लगातार तेज होती जाएगी । पार्टी को लगता है कि अकेले नरेंद्र मोदी ही जब गुजरात में डेरा डालेंगे तो कांग्रेस का सफाया होता दिखने लगेगा । मोदी की करीब ५० धुआधार रेलियों की तैयारियां की जा रही है और इन रैलियों के जरिए वो पुरे गुजरात का दौरा करेंगे । ये भी ध्यान रखा जा रहा है कि उनकी ज्यादा रैलियां बीजेपी के कमजोर इलाकों में हों जहां कांग्रेस अपना प्रभाव जमाने की कोशिश कर रही है । इनमें वे इलाके है जहां हार्दिक पटेल, अल्पेश ठाकोर और जिग्नेश अपने दबदले का दावा कर रहे है । इसके अलावा करीब एक दर्जन मंत्रियों को गुजरात में डेरा डालना है जिनमें गुजरात के पुरुषोत्तम रुपाला, मनसुख मंडविया तो है ही, इनके साथ ही केंद्रीय रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण, रामविलास पासवान, प्रकाश जावडे़कर, जे.पी.नड्ढा, स्मृति ईरानी भी जुटेंगे । यही नहीं कई मुख्यमंत्रियों के भी दौरे होगे । इनकी सभाएं जातिगत सभाएं जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखकर की जाएगी ताकि ओबीसी, दलित और पाटीदार में पैठ बनाई जा सके ।
यही नहीं प्रमुख चेहरों के अलावा दो सौ नेताओं की टीम भी गुजरात चुनाव में मुस्तैद रहेगी जिनमें केंद्र से संगठन के पदाधिकारियों के अलावा दुसरे प्रदेशों से आए मंत्री और पदाधिकारी शामिल है । ये वो लोग होंगे जो चुनाव प्रबंधन में माहिर माने जाते हैं । ये तो पार्टी की वो रणनिती है जिससे चौतरफा कांग्रेस पर हमला होगा और राहुल गांधी की टीम को कुछ ही दिनों में बेअसर किया जा सकेगा । इसके अलावा कुछ मास्टर स्ट्रोक है जो चुनाव की पुरी हवा बदलेंगे । इन मास्टर स्ट्रोक बीजेपी के सुत्र संकेत तो दे रहे है लेकिन खुलकर बोलने को तैयार नहीं है । दरअसल उन्हें भी पुरी तरह से जानकारी नहीं है । बस इतना जान रहे है कि तुरुप के पत्ते हैं जो खुलेगें तो चुनाव ही हवा ही बदल जाएगी ।

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