राजधानी में स्मॉग के मुद्दे पर नैशनल ग्रीम ट्राइब्युनल (एनजीटी) ने चिंता जाहिर करते हुए दिल्ली सरकार को कडी फटकार लगाई है और पूछा है कि आखिर प्रदूषण कम करने के लिए हेलिकाप्टर से आर्टिफिशल बारिश क्यों नहीं करवाई जा रही है । साथ ही केंद्र सरकार और पडोशी राज्यों के रुख को शर्मनाथ बताते हुए समस्या के प्रति उनकी गंभीरता पर सवाल उठाए हैं । बुधवार को एनजीटी ने कहा कि संविधान नागरिकों को साफ वातावरण का हक देता है । लेकिन वक्त पर जरूरी कदम न उठाकर सरकारें लोगों से उनके जीने का अधिकार छीन रही है । एनजीटी ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि सीपीसीबी की रिपोर्ट से पता चला है कि दिल्ली-एऩसीआर की हवा किस हद तक खतरनाक हो चुकी है । जो पीएम लेवल १०० होना चाहिए वह बुधवार को ९८६ था और पीएम २.५ का जो लेवल ६०० होना चाहिए, वह ४२० हो चुका है । एनजीटी ने आगे कहा खुलेआम हो रहे निर्माण कार्यो पर भी पहले से रोक नहीं लगाई गई । अब जब हालात इतने खराब हो गए तब कार्रवाई की बात कही जा रही है । मामले से जुडे सभी पक्षो को लताडते हुए एनजीटी ने कहा इस मामले से जुडे सभी पक्षो के लिए यह शर्मनाक है कि वे इस समस्या को सिर्फ अगली पीढी के लिए टालने में जुटे हैं । ट्राइब्युनल ने कहा कि सभी संवैधानिक प्राधिकरण और कानूनी संस्थाएं अपना फर्ज निभाने में नाकाम रहे है । जहां तक प्रदूषण की है यह सभी पक्षो की संयुक्त जिम्मेदारी है । एनजीटी ने दिल्ली सरकार म्युनिसिपल कार्पोरेशन और पडोशी राज्यो को फटकार लगाते हुए कहा कि वे अस्पतालों में जाकर लोगों की दयनीय हालत देखें और समजे कि किस तरह उनकी जिंदगी से खिलवाड किया जा रहा है ।