वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद इस सप्ताह होने वाली बैठक में सामान्य इस्तेमाल की कई वस्तुओं पर टैक्स की दर घटाने पर विचार करेंगी । बताया जाता है कि परिषद की बैठक में हाथ से बने फर्नीचर, प्लास्टिक उत्पादों तथा शैंपू जैसे रोजमर्रा के इस्तेमाल के सामान पर जीएसटी दरों में कटौती कर विचार किया जाएगा । वित्त मंत्री अरूण जेटली की अगुवाई वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक १० नवंबर को होनी है । सरकारी अधिकारियों ने कहा कि कई सामान्य इस्तेमाल की वस्तुओं पर २८ प्रतिशत की जीएसटी दर को कम करने पर विचार होगा । लघु एवं मझोले उपक्रमों को राहत के लिए समिति उन क्षेत्रों में कर दरों को तर्कसंगत बनाने पर काम करेगी जहां जीएसटी के लागू हाने के बाद टैक्सेशन रेट बढ़ गया है । पहले की अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था (इनडायरेक्ट टैक्स सिस्टम) में इन पर उत्पाद शुल्क की दर की छुट थी या इन पर निचली दर से मुल्यवर्थित कर (वैट) लगता था । जीएसटी को इसी साल एक जुलाई से लागू किया गया है । उसके बाद से जीएसटी परिषद की बैठक हर महीने हो रही है । इन बैठकों में कई ऐसे बदलाव किए गए है जिनसे कंपनियों के साथ साथ उपभोक्ताओं पर भी बोझा कम किया जा सके । एक अधिकारी ने कहा कि २८ प्रतिशत के स्लैब वाली वस्तुओं पर टैक्स रेट्स को तर्कसंगत किया जाएगा । ज्यादातर रोजमर्रा के इस्तेमाल की वस्तुओं पर कर की दर को घटाकर १८ प्रतिशत किया जा सकता है । इसके अलावा फर्नीचर, इलेक्ट्रिक स्विच, प्लास्टिक पाइप पर भी कर दरों की समीक्षा की जा सकती है । जीएसटी में सभी तरह के फर्नीचर पर २८ प्रतिशत कर लगाया गया है । लकड़ी के फर्नीचर का ज्यादातर काम असंगठित क्षेत्र में होता है और इसका इस्तेमाल मध्यम वर्ग के परिवरों द्वारा किया जाता है । इसी तरह प्लास्टिक के उत्पादों पर १८ प्रतिशत जीएसटी लगाया गया है । लेकिन शोवर बाथ, सिंक, वॉश बेसिन, लैवरेटरी पैंस, सीट और कवर आदि पर जीएसटी की दर २८ प्रतिशत तक है । अधिकारियों ने कहा कि इन पर भी दरों को तर्कसंगत बनाने की जरुरत है । इसके अलावा वजन करने वाली मशीन और कंप्रेसर पर भी जीएसटी को २८ से घटाकर १८ प्रतिशत किया जा सकता है । जीएसटी परिषद में सभी राज्यों के प्रतिनिधि शामिल है । परिषद पहले ही १०० से अधिक वस्तुओं पर दरों को तर्कसंगत कर चुकी है । जीएसटी काउन्सिंल की बैठक को लेकर अटकले लगाई जा रही है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी जीएसटी काउन्सिंल की बैठक लेकर आशास्पद दिख रहे है । मोदी खुद कह चुके ही की व्यापारियों और कारोबारियों की सभी चिंता की और ध्यान दिया जा रहा है । सभी को विश्वास में लेकर जरुरी सुधार जीएसटी में किए जाएगे । पिछले कुछ दिनों से व्यापारी भी मिले है ।
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