नोटबंदी को सदी का सबसे बड़ा घोटाला करार देते हुए विपक्ष ने मंगलवार को घोषणा की कि इस फैसले के एक साल पुरे होने पर विरक्षी दल आठ नवंबर को काला दिवस मनायेंगे तथा देश भर में विरोेध प्रदर्शन करेंगे । विपक्ष कगा दावा है कि नोटबंदी के कारण अर्थव्यवस्था एवं नौकरियों को नुकसान पहुंचा है । राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने मंगलवार को संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले साल आठ नवंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने १०० रुपये और ५०० रुपये के नोटो को प्रचलन से बंद किये जाने की घोषणा की थी । विपक्ष ने तभी नोटबंदी के फैसले के कारण अर्थव्यवस्था की हालत बुरी होने, बेरोजगारी बढ़ने और सकल घरेलु उत्पाद कम होने की आशंका जतायी थी । आजाद ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नोटबंदी के कारण जीडीपी में दो प्रतिशत कमी आने की जो आशंका जतायी थी, वह पुरी तरह सही साबित हुई । आजाद के साथ संवाददाता सम्मेलन में तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक़ ओब्रायन और जदयू के शरद यादव भी मौजुद थे । कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि विपक्षी दल संसद के भीतर आपसी समन्वय से काम करते है । किन्तु पिछले मानसून सत्र के अंतिम दिन विपक्षी नेताओं की बैठक में एक समन्वय समिति बनाने का निर्णय किया गया । समिति के समदस्यो को यह जिम्मेदारी दी गयी की वे दो सत्रो के बीच की अवधि में विभिन्न १८ दलो के नेताओं से बातचीत कर समन्वय करे । उन्होंने कहा कि इस समन्वय समिति की कल पहली बैठक हुई । इस बैठक में तय किया गया कि आठ नवंबर को सभी विपक्षी दल अपने तरह से काला दिवस मनायें । उन्होंने सरकार के बाद पुरा देश सड़को पर आ गया और लोगो को लाइनो में घंटो खडे रहने के लिए मजबुर होना पड़ा ।
આગળની પોસ્ટ