रोहिंग्या शरणार्थियों को सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए नागालैंड पुलिस के खुफिया विभाग ने आगाह किया है कि रोहिंग्या नागालैंड के लोगों पर हमला कर सकते हैं । नागालैंड के खुफिया सूत्रों ने पुष्टि की है कि दीमापुर के इमाम विद्रोहियों से संपर्क बना रहे हैं और साथ ही बांग्लादेश से बड़ी मात्रा में हथियार और गोला बारुद इकट्ठा करना भी शुरु किया जा चुका हैं । अधिकारियों के मुताबिक अगर नागालैंड के लोगों ने रोहिंग्याओं को देश से बाहर भेजने की कोशिश की तो २ हजार मुस्लिम नागा ोगों के खिलाफ हथियार उठाने को तैयार हैं । इमाम हेबरॉन और कहोई कैंपों पर हमले की योजना बना रहे हैं ताकि नागालैंड पर कब्जा करना आसान हो । इतना ही नहीं आईएसआईएस के करीब २० आतंकवादी नागालैंड में घुस चुके हैं और अन्य वोलनटियर्स को प्रशिक्षण दे रहे हैं । पूरे नागालैंड में आत्मघाती हमले और बम धमाके करने की योजना हैं । प्रशासन ने दीमापुर में रह रहे मुस्लिमों पर नजर रखने के लिए आदेश दिए हैं । रोहिंग्याओं की तरफ से हमले की आशंका को देखते हुए बीएसएफ के रिटायर्ड जनरल वी के गौड़ ने बताया कि रेफ्यूजी कैपों के आसपास सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है ताकि वैश्विक राहत एजेंसियों के लोगों को कैंप में जाने से रोका जा सके । हालांकि पहले से ही कुछ कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन कैपों में सक्रिय हो चुके हैं । गौड़ ने बताया कि ऐसा माना जा रहा है कि पाकिस्तान का जमात उद दावा, अल कायदा, जमात ए इस्लामी, छत्र शिबिर, आईएसआई और कुछ अन्य इस्लामिक समूह राहत कर्मचारियों के वेश में कैपों में घुसे हैं और इस्लामिक देशों के लिए राहत के सामानों के साथ भी छेड़छाड़ कर रहे हैं । उन्होंने बताया कि इन लोगों ने बड़ी संख्या में युवा शरणार्थियों को हथियार ट्रेनिंग देने के लिए चुना हैं । यह कहने की जरुरत नहीं कि हमारी सेना में ही कुछ लोग हैं जो आईएसआई के समर्थक हैं और भारत बांग्लादेश की३ दोस्ती के खिलाफ हैं । भारत-बांग्लादेश के बीच ४ हजार ९६ किलोमीटर लंबी सीमा पर ऐसी १४० जगहें चिन्हित की गई हैं जहां से रोहिंग्या भारत में घुस सकते हैं । बता दें कि रोहिंग्या समुदाय को १९८२ में म्यामांर ने नागरिक मानने से इनकार कर दिया था और उन्हें बांग्लादेश से आए अवैध शरणार्थी बताया था ।