अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के इतिहास में १०० करोड़ के अलावा की रकम का सबसे बड़ा रोड बनाने का घोटाला सामने आया है इस बारे में सोमवार को हाईकोर्ट के समक्ष पेश किया गया विजिलन्स जांच के अंतरिम रिपोर्ट में ऐसी पेशकश की गई है कि अहमदाबाद शहर के दो जोन के पांच जितने वोर्ड में से आईओसी के ५.२९ लाख रुपये के फर्जी बिल से पैसे निकालने के घोटाला बाद अब अहमदाबाद शहर में दो वर्ष में १७ कॉन्ट्राक्टर द्वारा बनाये गये रोड के बारे में कुल मिलाकर २११४ बिलों की जांच करनी पड़ेगी जिसकी वजह से समय दिया जाए । इस तरफ म्युनिसिपल कमिशनर द्वारा इंजीनियर विभाग के १२ से ज्यादा इंजीनियरों के यह मामले में निवेदन भी लिया गया है । इस बारे में जानकारी है कि, अहमदाबाद शहर में इस वर्ष जुलाई महीने में हुई भारी बारिश की वजह से कुल मिलाकर २०२ किलोमीटर के रोड टूटने के बाद गत ३ अगस्त को खुद रोड कमिटी के चेयरमैन जतीन पटेल के द्वारा आईओसी के बिल पकड़े जाने पर उन्होंने म्युनिसिपल कमिशनर को इस प्रकार के ६८ शंकास्पद बिल म्युनिसिपल कमिशनर को सौंपे जाने पर ८ अगस्त को म्युनिसिपल कमिशनर मुकेश कुमार ने विजिलन्स जांच का आदेश दिया था । अहमदाबाद शहर के टूटे हुए रास्तों के मामले में हाईकोर्ट द्वारा अपनाये गये सख्त रुख के बाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन की तरफ से सोमवार को विजिलन्स जांच का अंतरिम रिपोर्ट पेश किया गया था । इस रिपोर्ट में विजिलन्स विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे डेप्युटी म्युनिसिपल कमिशनर आर्जव शाह ने विजिलन्स का निष्कर्ष पेश करते हुए कहा है कि, आईओसी के बिलों को जांच करने पर यह फर्जी बिल घोटाले का व्याप बहुत बड़ा होने की संभावना होने से अब सभी जोन में बने २११४ बिलों की जांच करना पड़े ऐसा होने की वजह से कोर्ट द्वारा समय दिया जाए । अहमदाबाद शहर में पिछले दो वर्ष के अंदर जितने भी रोड बनाये गये है इसके पीछे २७३८ रुपये से २७७०० की कीमत से कुल मिलाकर ३८,३८६ मैट्रिकटन बीटयुमीन का उपयोग किया गया है ।