दिवाली के मौके पर दिल्ली के बाजार चीनी उत्पादों से भरे रहते है लेकिन इस बार यहां पर चीन के उत्पादों का वर्चस्व कम हो सकता है । चीन के साथ रिश्तों में कडवाहट का असर दिल्ली के बाजारों पर भी नजर आ रहा है । पिछले कुछ सालो से देखने में आ रहा है कि दिवाली के मौके पर दिल्ली के बाजार चीनी उत्पादों से भरे रहते है लेकिन इस बार यहां पर चीन के उत्पादों का वर्चस्व कम हो सकता है । दिल्ली के प्रमुख बाजारो के व्यापारीयों का कहना है कि इस बार दिवाली पर बिकने वाले चीनी सामान का ओर्डर पिछले सालो के मुकाबले कम दिया गया है । चीन से आयातित रोशनी की लडियां, गिफ्ट आइटम, देवी देवताओं की मूर्तिया, पटाखे, दीये आदि आइटम की दिवाली से पहले बाढ आ जाती थी लेकिन इस बार इनकी संख्या में कमी आ सकती है । आप ट्रेड विंग के कन्वीनर बृजेश गोयल का कहना है कि डोकलाम विवाद के चलते चीन से होने वाले सामान के आयात पर असर हुआ है और दिवाली से पहले चीन से होने वाले आयात में बडी कमी आई है । उनका कहना है कि भारत और चीन के बीच अभी लगभग ७१.५ अरब डोलर का द्धिपक्षीय व्यापार होता है और पिछले १५ सालो में दोनो के बीच व्यापार लगभग २४ गुना बढा है । व्यापारियों के मुताबिक इस बार दिवाली पर चीन के सामन की बिक्री पिछले सालों की तुलना में ५० प्रतिशत से कम रहने का अनुमान लगाया जा रहा है । चीनी उत्पादों के लिए मशहुर भागीरथ प्लेस मार्केट के प्रधान भारत आहुजा ने बताया कि इस बार चीनी उत्पादों को लेकर कारोबारी डरे हुए है इसलिए व्यापारियो ने इस बार कम ओर्डर दिए है । इतना ही नही, पुराना स्टोक भी कारोबारी कम ओर्डर पर बेच रहे है ।