घाटी को सुलगाने का नापाक मंसूबा पाले हुए आतंकियों से निपटने के लिए भारतीय एजेसियों ने एक मास्टर प्लान तैयार किया हैं । इसी पर आगे बढ़ते हुए अब आतंकियों की तलाश कर उन्हें ढेर किया जा रहा हैं । एक अधिकारी ने बताया कि उनका जोर इस बात पर हैं कि आतंकी संगठन जिस भी दहशतगर्द को हमलों की जिम्मेदारी सौंपे, उसे उसके नापाक मंसूबे में कामयाब करने के लिए ज्यादा वक्त ही न दिया जाए । ऐसे में सुरक्षा बलों और केन्द्रीय एजेन्सियों की पूरी कोशिश रहती है कि शीर्ष कमांडर को उसके ओपरेशन की दिशा में ज्यादा कुछ करने ही नहीं दिया जाए, जिससे आतंकी संगठन में एक हताशा का माहौल पैदा हौगा । महत्वपूर्ण बात यह है कि जम्मू कश्मीर पुलिसको स्थानीय लोगों को पूरी मदद मिल रही हैं , जिससे सुरक्षा बलों के हौसले बुलंद हैं । आतंकियों के खिलाफ सुरक्षा बलों का ये मास्टर प्लान कामयाब होता दिख रहा हैं । आंकड़े इसके गवाह हैं । अबू इस्माइल को ढेर करने के साथ ही इस साल अब तक जम्मू कश्मीर में मारे गए कुल आतंकियों की तादाद बढ़कर १४७ हो गई हैं, जबकि पिछले साल कुल १५० आतंकी मारे गए थे । केन्द्रीय एजेसियां जम्मू कश्मीर पुलिस द्वारा तैयार बेहतरीन मुखबिरों को इसका पूरा श्रेय देती हैं । अधिकारी ने बताया कि जम्मू कश्मीर पुलिस के पास हमेशा से खुफिया जानकारी जुटाने का एक अच्छा नेटवर्क रहा हैं । लेकिन पत्थरबाजी जैसी स्थानीय घटनाओं से काफी मुश्किल पैदा हो जाती थी । पुलिस को इन प्रदर्शनों से निपटने में अपनी पूरी ताकत झोंक देनी पड़ती थी, पर अब घाटी की फिजा बदल रही हैं । भीड़ द्वारा की जाने वाली हिंसा कमजोर पड़ने से अब जम्मू कश्मीर पुलिस को बड़ी राहत मिली हैं । अब पुलिस आतंकियों के खिलाफ ओपरेशनों के लिए सूचनाएं जुटाने में स्थानीय लोगों की मदद ले रही हैं ।
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