अहमदाबाद सहित राज्यभर की स्कूलों में विद्यार्थियों की सुरक्षा के मुद्दे पर अक्सर प्रश्न उपस्थित होते हैं । दिल्ली की स्कूल में हुई फिलहाल में एक मासूम बच्चा प्रद्युम्न की हत्या की वजह से शिक्षा विभाग ने महत्व के निर्णय के तहत सीबीएसई स्कूल के विद्यार्थियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी शहर और जिला के डीईओ को सौंपी गई है । सीबीएसई की स्कूलों को सर्व शिक्षा अभियान के तहत शिक्षा समिति की स्कूलों को समय-समय पर हो रहे दुर्घटना की घटनाओं में स्कूल संचालकों और शिक्षाधिकारी ऑफिस अन्य बोर्ड की स्कूल का बहाना निकालकर बचने का रास्ता ढूढ़ लेती है । सीबीएसई स्कूल के संचालक राज्य के शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों की बात नहीं मानते होने की शिकायतें अक्सर सामने आती रहती है । कई प्रकरण में बच्चों की सुरक्षा के मुद्दे सीबीएसई स्कूल के संचालक शिक्षातंत्र को नजरअंदाज भी करते रहते है । ऐसे संजोगों में अब स्कूल के संचालक विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए गंभीर बने इस उद्देश्य से सीबीएसई केन्द्रीय विद्यालय और सर्व शिक्षा अभियान के तहत की स्कूलों के नोडल ऑफिसर के तौर पर शिक्षाधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी गई है । गुजरात बोर्ड सहित यह सभी बोर्ड की स्कूलों के लिए डीईओ शिक्षाधिकारी ने नोडल ऑफिसर के तौर पर जिम्मेदारी निभानी रहेगी । जिसके अब स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा और दुर्घटना को रोकने के लिए शिक्षाधिकारी यही जिम्मेदारी निभानी रहेगी ऐसा प्राथमिक शिक्षा विभाग ने आदेश जारी किया है ।गुजरात में सीबीएसई स्कूलों के लिए पहलीबार गुजरात सरकार और माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का एनओसी लेना अनिवार्य है ।डीईओ अपने अधिकृत अधिकारी के तौर पर उनके पास सत्ता है । सभी प्रक्रिया बाद ही सीबीएसई स्कूल शुरू हो सकती है । जिसमें रजिस्ट्रेशन की शर्त में स्कूल की जिम्मेदारी में बच्चों की सुरक्षा की शर्त प्रायोरिटी में शामिल है । जिला शिक्षाधिकारी अधिकृत और जिम्मेदार व्यक्ति है ।
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